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इस IPS अफसर का कारनामा सुनकर हो जाएंगे हैरान, दोस्त को ​​​​​हाईकोर्ट का चीफ-जस्टिस बनाकर DGP को कराए फोन, ऐसे रची साजिश

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इस IPS अफसर कारनामा सुनकर हो जाएंगे हैरान

अपने ऊपर शराबबंदी से जुड़े कई केस को खत्म कराने के लिए बिहार कैडर के IPS आदित्य कुमार ने अपने ही दोस्त को ​​​​​हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बना डाला। इस फर्जी चीफ जस्टिस ने DGP को फोन कर केस खत्म करने के लिए कहा। वह भी एक फोन नही किया बल्कि, 30 से 40 बार आदित्य कुमार ने फोन करवाया। जब यह केस खत्म हो गया उसके बाद खुफिया इनपुट से इस मामले का खुलासा हुआ।

इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने IPS आदित्य कुमार सहित उनके दोस्त अभिषेक और अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल आदित्य फरार बताया जा रहा हैं। इस के अलावा अभिषेक अग्रवाल, गौरव, शुभम कुमार और एक अन्य को गिरफ्तार किया गया है। इनके खिलाफ IPC की कुल 7 धाराओं (419, 467, 420, 353, 468, 387, 120 B) में केश दर्ज किया गया है।

पूछताछ में उगले कई राज

बताया जा रह है कि पूछताछ में अभिषेक ने कई राज उगले। अभिषेक ने बताया कि वह एक IPS अफसर को बचाने के लिए चीफ जस्टिस बनकर DGP को फोन करता था। सूत्रों से बताया गया है कि गिरफ्तार अभिषेक के पास से 9 सिम कार्ड के साथ दर्जनों मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं। मोबाइल फोन की जब फोरेंसिक जांच की गई तो आरोप प्रमाणित हो गए। सख्ती से पूछताछ में भी आरोपी अभिषेक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है । जांच में यह बात सामने आई है कि अभिषेक पहले भी कई बार जेल जा चुका है।

IPS
            आरोपी अभिषेक पुलिस वालों के साथ

अभिषेक पहले भी जा चुका है जेल

अभिषेक अलग-अलग लोगों को अलग-अलग आदमी बन कर फोन कर के काम निकलवाया करता था। अभिषेक की पहुंच बड़े-बड़े नेताओं के साथ-साथ कई अधिकारियों से भी है। 2018 में भी पुलिस ने अभिषेक को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा था। इस के अलावा इसके पहले भी अभिषेक  ने 2014  में बिहार के एक पुलिस अधीक्षक को ब्लैकमेल किया था। उस समय पुलिस अधीक्षक के पिता से मोटी रकम की भी वसूली की थी। इसके अलावा अभिषेक का नाम एक अन्य IPS अफसर से भी 2 लाख की ठगी में आया था। अभिषेक पर बिहार में जालसाजी के कई मामले दर्ज है।

आपको बता दें कि अभिषेक बड़े-बड़े अधिकारियों और नेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पोस्ट करता था। जिससे लोगों के बीच इसकी धमक बनी रहे। इस बार इसने फ्रॉड करने के लिए हाईकोर्ट के एक सीनियर जज के साथ तस्वीर खिंचवाकर वॉट्सऐप DP में लगा रखी थी,  ताकि सब को ऐसा लगे कि यह वास्तव में कोई जज है।

                  अभिषेक के साथ IPS आदित्य कुमार ।

जिस IPS अफसर को बचाने के लिए अभिषेक DGP को फोन किया करता था उसे क्लीनचिट भी मिल गई है। उस IPS अफसर के खिलाफ शराब के एक मामले में थाने में केस दर्ज हुआ था। साथ ही पूछताछ में जो बातें निकल कर सामने आई है, उस आधार पर उस IPS अफसर के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।

इस तरह रची थी साजिश

सितंबर में IPS आदित्य ने अपने व्यवसायी मित्र अभिषेक अग्रवाल के साथ मिलकर प्लान तैयार किया। साजिश के तहत चीफ जस्टिस के नाम पर DGP को फोन करवाने की योजना बनाई गई। इसके लिए पटना सिटी में मोबाइल सिम बेचने वाले गौरव राज के स्टाफ राहुल कुमार के नाम पर सिम कार्ड लिए गए। सिम राहुल के नाम पर तो लिया, लेकिन उसे बोरिंग रोड में मिस्टर गैजेट नाम की दुकान के मालिक राहुल रंजन जायसवाल तक उनके स्टाफ शुभम के जरिए पहुंचाया गया। राहुल रंजन और अभिषेक जायसवाल दोनों कथित तौर पर दोस्त बताए जा रहे हैं। इसके बाद एक नया मोबाइल फोन खरीदा गया और फिर उसी फोन से DGP को फोन किया जाने लगा।

आरोपी अभिषेक पटना के पूर्व SSP उपेंद्र शर्मा के साथ ।

कई बार हुई DGP से बातचीत

सूत्रों के अनुसार DGP को चीफ जस्टिस बनकर फोन करने वाले व्यक्ति और DGP के बीच करीब 30  से 40  बार बातचीत की बात सामने आई है। फोन दोनों ओर से किए गए। गंभीर बात यह रही कि DGP को कोई व्यक्ति जज बनकर फोन करता रहा और DGP भी बात करते रहे। आदित्य पर धारा 420 और आईटी एक्ट के तहत केस हुआ है। अब मामले में पुलिस मुख्यालय ने फिलहाल सिर्फ इतना कहा है कि मामले कि जांच चल रही है। ADG ( मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने पुलिस मुख्यालय का आधिकारिक पक्ष पूछे जाने पर कहा-केस इस अंडर इन्वेस्टिगेशन।

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