/ Dec 08, 2025
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INDIGO CRISIS: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का संचालन संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज यानी 8 दिसंबर को इस संकट का सातवां दिन है और यात्रियों के लिए यह सप्ताह किसी बुरे सपने जैसा साबित हुआ है। आज भी देशभर में इंडिगो की 300 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। इसके चलते दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु समेत देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर हजारों यात्री फंस गए हैं और वहां अफरा-तफरी का माहौल है। हालांकि एयरलाइन प्रबंधन का दावा है कि वे धीरे-धीरे परिचालन को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बता रही है कि संकट अभी टला नहीं है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस पूरे मामले में इंडिगो प्रबंधन के खिलाफ बेहद सख्त रवैया अपनाया है। डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स (Pieter Elbers) और अन्य शीर्ष अधिकारियों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया था। आज एक अहम अपडेट में नियामक ने इंडिगो के अनुरोध पर उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए 24 घंटे का अतिरिक्त समय दिया है। अब इंडिगो प्रबंधन को आज शाम तक यह स्पष्ट करना होगा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। डीजीसीए ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।

हवाई अड्डों पर मचे कोहराम और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के दबाव के बाद इंडिगो ने यात्रियों को राहत देने की कोशिश की है। एयरलाइन ने रविवार शाम तक टिकटों के पैसे वापस करने की प्रक्रिया में तेजी लाते हुए अब तक करीब 610 करोड़ रुपये का रिफंड प्रोसेस किया है। इसके अलावा, देशभर में इधर-उधर हुए लगभग 3,000 बैग उनके मालिकों तक पहुंचाए गए हैं। हवाई अड्डों पर अब भी बड़ी संख्या में ऐसे यात्री मौजूद हैं जो शिकायत कर रहे हैं कि उनका जरूरी सामान दूसरे शहरों में अटका हुआ है। हेल्पलाइन नंबरों से भी उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है।

INDIGO CRISIS का व्यापक असर पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है। देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर उड़ानों के रद्द होने का सिलसिला जारी है। पिछले कुछ दिनों में देहरादून से आने-जाने वाली कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। चूंकि देहरादून एक प्रमुख पर्यटन और तीर्थ स्थल का केंद्र है, इसलिए यहां उड़ानों के रद्द होने से पर्यटकों और स्थानीय लोगों दोनों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हवाई अड्डे पर फंसे यात्रियों के पास अब सड़क मार्ग से दिल्ली या अन्य शहरों की ओर जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।

इस पूरे संकट की मुख्य वजह पायलटों की कमी और नए नियमों का सही ढंग से पालन न कर पाना बताया जा रहा है। यह संकट नए ‘फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस’ (FDTL) नियमों को लागू करने में हुई गड़बड़ी और पायलटों की रोस्टरिंग में आई दिक्कतों के कारण पैदा हुआ है। इंडिगो ने स्वीकार किया है कि उन्होंने जितनी क्रू की आवश्यकता थी, उसका सही अनुमान नहीं लगाया गया। एयरलाइन ने डीजीसीए को सूचित किया है कि पूर्ण सामान्य स्थिति बहाल होने में फरवरी 2026 तक का समय लग सकता है, हालांकि वे रोजमर्रा की उड़ानों को जल्द से जल्द पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं।

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