/ Oct 09, 2025
All rights reserved with Masterstroke Media Private Limited.
INDIA UK CEO FORUM: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने आज इंडिया-यूके सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देने पर जोर दिया। फोरम में दोनों नेताओं ने व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) को साझा प्रगति का रोडमैप बताते हुए 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा। पीएम मोदी ने कहा कि यह समझौता न केवल व्यापार बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर साझा समृद्धि का प्रतीक बनेगा।
फोरम के दौरान ब्रिटेन ने भारत को हल्की मल्टीरोल मिसाइलों की आपूर्ति के लिए 350 मिलियन पाउंड (लगभग 468 मिलियन डॉलर) का अनुबंध किया। यह अनुबंध उत्तरी आयरलैंड में थेल्स द्वारा निर्मित लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइलों (एलएमएम) की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, जो भारतीय सेना की वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा। ब्रिटिश सरकार ने कहा कि यह सौदा 700 नौकरियों की रक्षा करेगा और यूक्रेन के लिए बनाई जा रही समान मिसाइलों के उत्पादन को बढ़ावा देगा। यह कदम दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी को गहरा करने का हिस्सा है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन दोहराया। उन्होंने कहा कि यूएनएससी को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाना जरूरी है, जिसमें भारत, ब्राजील, जापान और जर्मनी जैसे देशों को स्थायी सीट मिलनी चाहिए। यह समर्थन वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए परिषद की प्रभावशीलता बढ़ाने का प्रयास है। स्टार्मर ने मुंबई में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद कहा, “हम भारत को उसके उचित स्थान पर यूएनएससी में देखना चाहते हैं।”
शिक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, नौ प्रमुख ब्रिटिश विश्वविद्यालयों ने भारत में कैंपस खोलने की घोषणा की। इनमें साउथैम्पटन, सरे और लंकास्टर विश्वविद्यालय शामिल हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह कदम शिक्षा और उद्यमिता को जोड़ेगा, जिससे युवाओं को विश्वस्तरीय अवसर मिलेंगे। ब्रिटिश सरकार ने इसे भारत की बढ़ती शिक्षा मांग को पूरा करने का माध्यम बताया, जहां 2035 तक 70 मिलियन नई सीटों की जरूरत है। यह पहल इंडिया-यूके विजन 2035 रोडमैप का हिस्सा है।
पीएम मोदी ने सीईओ फोरम में कहा कि सीईटीए से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को विशेष लाभ मिलेगा, जो युवाओं के लिए रोजगार सृजन का माध्यम बनेगा। उन्होंने चार नए आयाम सुझाए—सहयोग, क्षमता निर्माण, तकनीकी हस्तांतरण और सतत विकास जो समझौते को व्यापक बनाएंगे। वर्तमान में द्विपक्षीय व्यापार 56 अरब डॉलर है, जिसे 2030 से पहले दोगुना करने का विश्वास जताया। यह समझौता टेक्सटाइल, ज्वेलरी और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में एमएसएमई को नई बाजार पहुंच देगा।
नोबेल पुरस्कार 2025: साहित्य, चिकित्सा, भौतिकी और रसायन विज्ञान के विजेताओं की हुई घोषणा
देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज
All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.