हिंदुओं को मौलाना का संदेश, हमारा मजहब बर्दाश्त नहीं है तो कहीं और चले जाओ -मदनी

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लखनऊ,ब्यूरो : सहारनपुर के देवबंद में जमीयत के अधिवेशन के दूसरे दिन जहां मौलाना महमूद मदनी मंच पर अपनी बात करते करते भावुक हो गए। वहीं आज अधिवेशन के तीसरे दिन मौलाना महमूद मदनी भड़के हुए तेवर में नजर दिए। मदनी ने कहा कि कितना कुछ सहने के बावजूद भी हम लोग चुप हैं, यह हमारे सब्र का इम्तिहान है। उन्होने कहा कि अगर हमारा खाना, पहनना नहीं पसंद तो हमारे साथ मत रहो, कहीं और चले जाओ।

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जमीयत उलमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना महमूद मदनी ने भड़काऊ भाषण देते हुए कहा कि हमारा मजहब अलग है, हमारा लिबास अलग है, और हमारे खाने-पीने, पहनने का तरीका भी अलग है। और अगर तुमको हमारा मजहब बर्दाश्त नहीं है तो तुम कहीं और चले जाओ। मौलाना मदनी ने कहा कि वो जरा-जरा सी बात पर हमें कहते हैं कि पाकिस्तान चले जाओ। लेकिन क्या तुम्हें पाकिस्तान जाने का मौका नहीं मिला था। जबकी हमें मौका मिला था लेकिन हमने रिजेक्ट कर दिया था।

MADINI
कल मदनी हुए थे भावुक

बिते दिन अधिवेशन में मदनी ने भावुक होते हुए कहा था कि  ‘वो चाहते क्या हैं? समझ लीजिए, मैं बार बार कह रहा हूं, जो नफरत के पुजारी हैं, आज वो ज्यादा नजर आ रहे हैं। और अगर हमने उन्हीं के लहजे में जवाब देना शुरू किया तो वो अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे। मदनी ने आगे कहा कि हम हर चीज पर समझौता कर सकते हैं, लेकिन ईमान से समझौता बर्दाश्त नहीं करेंगे। मौलाना का कहना है कि वो देश को अखंड भारत बनाने की बात करते हैं। देश के मुसलमान को पैदल चलना तक दुश्वार कर दिया है। और वो मुल्क के साथ दुश्मनी कर रहे हैं।”

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बता दें कि आज अधिवेशन में दूसरे दिन ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा शाही ईदगाह और कॉमन सिविल कोड को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए। जिसका अधिवेशन में मौजूद उलमा ने खुलकर समर्थन किया। उन्होने कहा कि कॉमन सिविल कोड को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।