/ Sep 25, 2024
All rights reserved with Masterstroke Media Private Limited.
HEALTH: ओमेगा 3 एक फैटी एसिड है, जो शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है। यह पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है और अनेक गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है। हालांकि, अधिकतर लोग इसके बारे में बहुत कम जानते हैं या बिल्कुल भी नहीं जानते। आज हम इसी ओमेगा 3 एक फैटी एसिड के बारे में बात करने जा रहें हैं-
ओमेगा 3 फैटी एसिड तीन प्रमुख प्रकार के होते हैं- एएलए (अल्फा-लिनोलेनिक एसिड), डीएचए (डोकोसाहेक्सानोइक एसिड) और ईपीए (इकोसापैनटोइनिक एसिड)। एएलए पौधों में पाया जाता है जबकि डीएचए और ईपीए मुख्य रूप से मछलियों और अन्य पशु स्रोतों से प्राप्त होते हैं। यह फैटी एसिड हमारी त्वचा को मुलायम और नमी से भरा रखता है, साथ ही इसे डिहाइड्रेशन और मुंहासों से बचाने में मदद करता है। यह सूर्य की हानिकारक किरणों से भी त्वचा की रक्षा करता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि यह गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है। साथ ही, यह ह्रदय संबंधी रोगों से भी रक्षा करता है। जिन लोगों के भोजन में मछली शामिल होती है, उन्हें ओमेगा 3 पर्याप्त मात्रा में मिलता है, जिससे ह्रदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है। इसके अतिरिक्त, यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है और हानिकारक रक्त के थक्कों को बनने से रोकता है।
यह फैटी एसिड मेटाबोलिक सिंड्रोम को सुधारने में भी सहायक होता है और मोटापा घटाने में मदद करता है। ओमेगा 3 आंखों की रेटिना को स्वस्थ रखने में सहायक होता है और आंखों से जुड़ी बीमारियों की संभावना को कम करता है। इसके अतिरिक्त, यह ऑटोइम्यून रोगों जैसे टाइप 1 डायबिटीज में भी राहत प्रदान करता है, क्योंकि यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है। मानसिक विकारों से पीड़ित लोगों में अक्सर ओमेगा 3 की कमी पाई जाती है, इसलिए इसके सेवन से आंत, भूलने की बीमारी और अन्य मानसिक रोगों से राहत मिल सकती है।
कैंसर के कुछ मामलों में भी ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन लाभकारी माना जाता है। शोध के अनुसार, यह कोलोन कैंसर और स्तन कैंसर जैसी बीमारियों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है, हालांकि इसके प्रमाणिक तथ्यों की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। इसके अलावा, अस्थमा जैसी क्रोनिक बीमारियों में भी यह फायदेमंद हो सकता है, खासकर छोटे बच्चों और किशोरों के लिए। यह लीवर की सेहत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और लीवर को फैट से मुक्त रखने में मदद करता है। हड्डियों और जोड़ों से जुड़ी समस्याओं में भी ओमेगा 3 मददगार साबित होता है। यह हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने के साथ-साथ गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करता है। (HEALTH)
जानिए कैसे इंटरमिटेंट फास्टिंग से घट सकता है वजन? इससे जुड़ी हर जानकारी यहाँ मिलेगी
विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के लिए ओमेगा 3 की आवश्यक मात्रा अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए, शिशुओं को इसकी सबसे कम मात्रा की आवश्यकता होती है, जबकि वयस्क पुरुषों और महिलाओं के लिए यह मात्रा थोड़ी अधिक होती है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इसकी विशेष मात्रा की आवश्यकता होती है। ओमेगा 3 के शाकाहारी स्रोतों में अलसी, सोयाबीन तेल, सरसों, मेथी के बीज, काला चना, चिया सीड्स, पालक और अखरोट प्रमुख हैं। वहीं, मांसाहारी स्रोतों में सैल्मन, टूना जैसी अधिक वसा वाली मछलियाँ ओमेगा 3 का समृद्ध स्रोत होती हैं।
देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज
All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.