/ Nov 26, 2024
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GOPASHTAMI: भारत जैसे धार्मिक संपन्नता वाले देश में गोपाष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और उनके जीवन को समर्पित है। भगवान कृष्ण को गोपाल भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है “गायों का रखवाला।” गोपाष्टमी के दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और गायों की पूजा की जाती है, क्योंकि भगवान कृष्ण को गायें अत्यंत प्रिय थीं। यह पर्व मुख्य रूप से मथुरा, वृन्दावन और ब्रज क्षेत्र में बहुत ही धूमधाम और भक्ति भाव से मनाया जाता है।
गोपाष्टमी पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। इस वर्ष 2024 में यह 9 नवंबर को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल अष्टमी की तिथि 8 नवंबर की रात 11 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी और 9 नवंबर की रात 10 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। इस शुभ दिन पर पूजा का विशेष मुहूर्त भी निश्चित किया गया है, जिसमें अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा और विजय मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 53 मिनट से 2 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
गोपाष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण और गौ माता की पूजा विधि विशेष होती है। इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई कर, स्नान आदि कर शुद्धता प्राप्त करते हैं। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और गौ माता की मूर्ति या चित्र स्थापित किया जाता है और उन्हें गंगाजल से स्नान कराते हैं। पूजा में कुमकुम, गोपी चंदन, और हल्दी का उपयोग कर तिलक किया जाता है। देसी घी का दीपक जलाकर भगवान को फल, फूल, तुलसी पत्र और घर पर बनाई मिठाइयों का भोग लगाया जाता है।
ये हैं माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए आवश्यक पूजन सामग्री और सोलह श्रृंगार
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