Garuda Purana
मृत्यु के बाद सिर न मुंडवाने से आत्मा कर सकती है हमेशा हमेशा के लिए आपके घर पर वास!
Garuda Purana: हिन्दु धर्म में जब किसी परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए कई सारी क्रियाएँ की जाती हैं इनमें से एक होती है परिवार के पुरुष सदस्यों द्वारा सिर और चहरे के बालों को मुण्डवाना। मगर ऐसा क्यों किया जाता है इस बारे में बहुत ही कम लोगों को ज्ञात होगा। परिवार में किसी इंसान की मृत्यु के बाद परिवार के लोग बाल मुण्डवाते हैं ऐसा करने के पीछे का वैज्ञानिक कराण भी है और साथ ही धार्मिक कारण भी।
Garuda Purana: मृत्यु के बाद सिर मुण्डवाने का धार्मिक कारण
सांसारिक कृतज्ञता के निशान
गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के अनुसार जब परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो परिवार के अन्य पुरुष सदस्य अपना सिर मुंडवाते है। ऐसा करने के पीछे कई कारण होते हैं, जैसे की मृत व्यक्ति के प्रति सम्मान। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि अपनी पूरी जिंदगी में वो व्यक्ति अपने परिवार के लिए बहुत कुछ करता है, उनके लिए कई त्याग करता है और इसी कारण सांसारिक कृतज्ञता के निशान के तौर पर परिवार के सभी पुरुष सदस्य अपना मुंडन कराते हैं जिससे मृत आत्मा को सम्मान की प्राप्ति होती है।
पातक का असर होता है कम
गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के अनुसार जैसे किसी बच्चे के जन्म के बाद सूतक लगता है वैसे ही परिवार में किसी की मृत्यु के बाद पातक लगता है। गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में ऐसा कहा गया है कि परिवार में किसी की मृत्यु के बाद परिवार में पुरुष सदस्य अपने सिर और चहरे के बालों को मुंडवाएं।
दरअसल जब परिवार में किसी की मृत्यु होती है तो कई दिनों तक मृत व्यक्ति के परिवार के लोगों को अशुद्ध माना जाता है, इसी कराण जो भी लोग परिवार के सदस्यों से मिलने आते हैं वो उनके घर का पानी तक ग्रहण नही करते। ऐसा कहा जाता है कि जब परिवार के पुरुष सदस्य अपना सिर मुंडवाते हैं तो परिवार के लोगों पर जो अशुद्धियां होती है वो थोड़ी कम हो जाती हैं।
भौतिक संपर्क तोड़ने के लिए किया जाता है मुंडन
गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में ऐसा बताया गया है कि जब एक इंसान की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा अपनी मौत को तुरंत स्वीकार नही कर पाती है जिसके कारण वो मृत शरीर के इर्द गिर्द ही घूमती रहती है। इसके बाद जब मृत शरीर का अंतिम संस्कार हो जाता है तो वो अपने परिवार के सदस्यों के इर्द गिर्द घूमती रहती है और उनके साथ संपर्क बनाने की कोशिश करती रहती है जिसमें सिर के बाल अहम भूमिका निभाते हैं। इसी कारण परिवार के पुरुष सदस्यों के सिर के बालों को मुंडवाया जाता है।
मृत्यु के बाद सिर मुण्डवाने का वैज्ञानिक कराण
अब तक तो हमने बात की गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में मृत्यु को लेकर जो कुछ भी बताया गया है अब बात करते हैं वैज्ञानिक कारण की कि क्यों परिवार में किसी की मृत्यु के बाद सिर मुंडवाया जाता है। दरअसल जब परिवार में किसी की मृत्यु होती है तो मृत व्यक्ति को अंतिम बार देखने के लिए कई लोग बाहर से आते है जिसके कारण मृत शरीर काफी समय तक घर पर ही रहता है और फिर शरीर धीरे धीरे सड़ता जाता है। शरीर के सड़ने के कारण कई सारे जीवाणू उसके आसपास मौजूद होते हैं, इसी कारण स्वच्छता की दृष्टी से मुंडन कराने की प्रथा है।
महिलाएं क्यों नही मुंडवाती अपना सिर?
अब आप लोगों के मन में ये विचार आ रहा होगा कि फिर तो महिलाएं भी मृत शरीर के संपर्क में आती हैं तो फिर क्यों महिलाएं अपना सिर नही मुंडवाती हैं। दरअसल परिवार के पुरष, मृत शरीर के साथ श्मशान घाट तक जाते हैं और इस दौरान वो कई बार मृत शरीर को छूते हैं जिसके कारण उनको ज्यादा स्वच्छता का ध्यान रखना पड़ता है।
इसी कारण पहले के समय से ही केवल परिवार के पुरुष सदस्य ही अपना सिर मुंडवाते है, नाखून काटते हैं और अंतिम संस्कार के बाद स्नान करते हैं। जबकी परिवार की महिला सदस्य अंतिम संस्कार के बाद केवल स्नान करती हैं। वहीं गरुड़ पुराण (Garuda Purana) की मानें तो परिवार के जो पुरुष सदस्य अपने सिर पर चोटी रखते हैं उसे काटने का प्रावधान भी हमारे हिंदु धर्म में नही है।
तो अब आप लोगों को ये समझ आ गया होगा कि क्यों केलव परिवार के पुरुष सदस्य ही अपना सिर मुंडवाते हैं।
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