उत्तराखंड Earthquake अलर्ट एप से ‘अलार्म’ गायब
earthquake app uttarakhand: यूं तो समूचा हिमालयी क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से निरंतर अंतराल में आ रहे भूकंप चिंता बढ़ाने वाले दिख रहे हैं। एक हफ्ते में उत्तराखंड की धरती 3 बार कांप चुकी है। लेकिन उत्तराखंड भूकंप अलर्ट एप (earthquake app uttarakhand) ने एक बार भी अलर्ट नहीं दिया। आपदा प्रबंधन विभाग और IIT रुड़की की ओर से तैयार किए गए इस एप के लॉन्चिंग के वक्त दावा किया गया था कि इसके माध्यम से भूकंप की पूर्व चेतावनी मिल सकेगी। अब जब आए दिन भूकंप आ रहे हैं तो ये एप चेतावनी जारी करने में फेल साबित हो रही हैं ।
earthquake app uttarakhand: Earthquake अलर्ट एप से ‘अलार्म’ गायब
भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में आमजन को सतर्क करने के उद्देश्य से विकसित उत्तराखंड भूकंप अलर्ट एप से ‘अलार्म’ गायब है। शनिवार को पहले उत्तरकाशी इलाके में भूकंप आया, इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई, लेकिन एप ने इसका कोई अलर्ट जारी नहीं किया। इसके बाद शनिवार की रात ही 7.50 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया। एप ने इसका भी अलर्ट जारी नहीं किया। इससे पूर्व 8 नवंबर की रात करीब 2 बजे भूकंप के तेज झटके लगे थे। इसका केंद्र नेपाल में था और 6.3 तीव्रता नापी गई थी। एप ने इसका भी अलर्ट जारी नहीं किया।
अधिकारियों का कहना है कि 5.5 से अधिक परिमाण का भूकंप आने पर ही अलार्म बजता है, लेकिन 8 नवंबर की रात को उत्तराखंड की सीमा से सटे नेपाल में 6.3 तीव्रता का भूकंप आने पर अलार्म नहीं बजा था। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र राज्य के नेटवर्क से दूर था। ऐसे में प्राइमरी तरंगों को राज्य में लगे सेंसर रीड करते हैं और ये 5.5 से कम की तीव्रता की थीं। इसी कारण अलार्म नहीं बजा।
earthquake app uttarakhand: 4 अगस्त 2021 को लांच हुआ था एप
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चार अगस्त 2021 को सचिवालय में मोबाइल एप्लीकेशन ‘उत्तराखंड भूकंप अलर्ट’ एप (earthquake app uttarakhand) लांच किया था। इस एप के माध्यम से भूकंप की पूर्व चेतावनी जारी किए जाने का दावा किया गया था। साथ ही यह भी दावा किया गया था कि उत्तराखंड ऐसा एप बनाने वाला पहला राज्य है। इतना ही नहीं दावा तो ये भी किया गया था कि जिन लोगों के पास एंड्रॉइड फोन नहीं है, उनको भी भूकंप से पूर्व चेतावनी संदेश मिल जायेगा ।
उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से सिस्मिक जोन फोर में आता है। भूकंप की वजह से राज्य एक बार बड़ी तबाही झेल चुका है। विशेषज्ञों की मानें तो पिछले 10 वर्षों में उत्तराखंड भूकंप के लगभग 700 झटके झेल चुका है। इस से पहले उत्तरकाशी में वर्ष 1991 के 6.4 और चमोली में वर्ष 1999 के 6.6 मैग्नीट्यूट के भूकंप ने तबाही मचाई थी किया गया।
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