बारात में न ले जाने पर दोस्त ने दूल्हे दोस्त पर ही ठोका पचास लाख का जुर्माना, तीन दिन में मांगा जवाब

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हरिद्वार, ब्यूरो। हरिद्वार में दो पुराने दोस्तों के बीच शादी में बुलाने के बाद भी बारात में न ले जाने और कई लोगों को बारात का कार्ड देने के बाद भी न ले जाने से नाराज दोस्त ने अपने ही पुराने दोस्त को पचास लाख रुपये का नोटिस भेजा है। साथ ही तीन दिन के भीतर सार्वजनिक तौर पर माफी न मांगने पर पचास लाख रुपये अपमान के हर्जाने के रूप में देने का नोटिस कोर्ट के माध्यम से दोस्त को भेजा है।

बारात में न ले जाने पर दोस्त ने दूल्हे दोस्त पर ही ठोका पचास लाख का जुर्माना, तीन दिन में मांगा जवाब

दरअसल, बहादराबाद हरिद्वार इलाके का यह हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक पुराने दोस्त ने अपने ही दोस्त को पहले बारात में आने और अपने जानने वालों को भी कार्ड देकर बारात में चलने के लिए कहा था। दोस्त जब अपने जानने वालों के साथ उसके घर पहुंचा तो बारात जा चुकी थी। दोस्त ने दूल्हे दोस्त को फोन किया तो उसने बताया कि वह अब निकल चुके हैं अब वह वापस घर चले जाए। इससे उसके साथ आए लोगों ने भी उसे भला-बुरा कहा और अपमानित किया। इससे गुस्साए दोस्त ने कोर्ट के माध्यम से दूल्हे दोस्त को ₹50,00000 की मानहानि का नोटिस अपने दोस्त को थमा दिया। अब दोस्त को समझ नहीं आ रहा है कि वो क्या करे। तीन दिन की मोहलत दी गई। शर्त है कि या तो वो सार्वजनिक माफी मांगे या फिर 50 लाख रुपये।

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बता दें कि रवि निवासी आराध्या कॉलोनी बहादराबाद की धामपुर जिला बिजनौर निवासी अंजू से 23 जून 2022 में होनी तय हुई थी। जिसमें चंद्रशेखर निवासी देवनगर कनखल, हरिद्वार को भी बुलाया गया। रवि और चंद्रशेखर जो बहुत गहरे दोस्त हैं। रवि ने अपने दोस्त चंद्रशेखर को एक लिस्ट बनाकर दी कि वह शादी के कार्ड उन लोगों को बटेगा, ताकि वह लोग रवि की शादी में जाने के लिए धामपुर, जिला बिजनौर यूपी के लिए रवाना होंगे। रवि के कहने पर चंद्रशेखर ने दोस्त की शादी के कार्ड बताए गए लोगों को बांटे और यह आग्रह किया कि आपको 23 जून की शाम शादी के लिए चलना है। सभी लोग चंद्रशेखर के साथ रवि के घर पहुंच गए।

जब वह वहां पहुंचे तो पता चला कि बारात जा चुकी है। चंद्रशेखर ने रवि से जानकारी ली तो रवि ने बताया कि हम लोग जा चुके हैं। साथ यह भी कहा कि आप लोग वापस चले जाओ। जिस पर चंद्रशेखर के कहने पर शादी में जाने के लिए आए लोग लौट गए। उनको अपमान महसूस हुआ। चंद्रशेखर को लोगों ने बुरा-भला कहा। दोस्तों ने कहा कि जानबूझकर रवि ने चंद्रशेखर की मानहानि की है। चंद्रशेखर ने रवि को फोन पर भी उसका और लोगों के अपमान के बारे बताया, लेकिन उसने कोई खेद प्रकट नहीं किया। चंद्रशेखर ने अपने वकील अरुण भदौरिया के माध्यम से एक कानूनी नोटिस रवि को भिजवाया है कि 3 दिन के अंदर अंदर मानहानि की बाबत सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करें और की गई मानहानि के बदले चंद्रशेखर को 50 लाख दे। अगर अनुपालन नहीं किया गया तो सक्षम न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा।