/ Dec 03, 2025
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DELHI NCR AIR POLLUTION: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने अब सख्त रुख अपना लिया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज वायु प्रदूषण पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि पुरानी बैठकों में लिए गए निर्णयों को जमीन पर उतारने में अब और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए बनाए गए एक्शन प्लान को पूरी गुणवत्ता के साथ लागू किया जाए, जिसमें सड़कों की मरम्मत, धूल नियंत्रण, कचरा प्रबंधन और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार शामिल है।

समीक्षा बैठक के दौरान औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषण मानकों के पालन पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया। बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया कि दिल्ली-एनसीआर में चल रही फैक्ट्रियों और औद्योगिक इकाइयों को ऑनलाइन कंटीन्यूअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम और वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगाने होंगे। सरकार ने इसके लिए 31 दिसंबर 2025 की समय सीमा तय कर दी है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि शुरुआत में इकाइयों को ये उपकरण लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और मदद की जाएगी, लेकिन अगर 31 दिसंबर तक कोई यूनिट इन नियमों का पालन करने में विफल रहती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ओर से जानकारी दी गई कि प्रदूषण फैलाने की अधिक क्षमता रखने वाली लगभग 2,254 औद्योगिक इकाइयों की पहचान की गई है। इनमें मेटल, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग और अन्य रेड-कैटिगरी की इंडस्ट्रीज शामिल हैं। इन सभी को 31 दिसंबर 2025 तक हर हाल में मॉनिटरिंग सिस्टम और कंट्रोल डिवाइस लगाने का निर्देश दिया गया है। मंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि बाजार में इन उपकरणों की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी न हो, ताकि फैक्ट्री मालिकों को इन्हें लगवाने में दिक्कत न आए। इसके लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) भी जारी कर दिया गया है।

DELHI NCR AIR POLLUTION का एक बड़ा कारण ट्रैफिक जाम भी है। बैठक में बताया गया कि दिल्ली में ट्रैफिक जाम के 62 हॉटस्पॉट की पहचान की गई है। केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वे स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट के जरिए इन जगहों पर जाम की समस्या को सुलझाएं। इसके अलावा अवैध पार्किंग और अतिक्रमण हटाने के लिए भी सख्त कदम उठाने को कहा गया है। मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पीक आवर्स के दौरान पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाए और पैदल चलने वालों के लिए फुट-ओवर ब्रिज बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। अन्य शहरों के लिए भी इसी तरह की कार्ययोजना बनाने को कहा गया है ताकि जमीन पर सुधार दिखाई दे।

भूपेंद्र यादव ने सड़कों की खस्ता हालत और उससे उड़ने वाली धूल को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने एनसीआर के राज्यों को निर्देश दिया कि गड्ढा मुक्त सड़कों के लिए समयबद्ध तरीके से काम पूरा किया जाए। सड़कों के किनारे पक्के किए जाएं और ड्रेनेज सिस्टम ठीक किया जाए ताकि धूल न उड़े। उन्होंने म्युनिसिपल अधिकारियों से कहा कि सड़कों की सफाई के लिए मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीनों (MRSMs) की तैनाती बढ़ाई जाए। इसके अलावा, ऐप-आधारित मॉनिटरिंग पर जोर दिया गया ताकि आम नागरिक खराब सड़कों या धूल की शिकायत कर सकें और अधिकारी उस पर तुरंत कार्रवाई कर सकें।

बैठक में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने पर भी चर्चा हुई। जानकारी दी गई कि फिलहाल 3,400 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, जिन्हें अगले साल मार्च तक बढ़ाकर 5,000 करने का लक्ष्य है। इसके अलावा 1 नवंबर 2025 से बीएस-3 और उससे नीचे के कमर्शियल वाहनों की दिल्ली में एंट्री पहले ही बंद कर दी गई है। मंत्री ने एनसीआर में हरियाली बढ़ाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में इको-क्लब को फिर से सक्रिय किया जाए और डिग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड पर वृक्षारोपण किया जाए। मंत्री ने सभी हितधारकों से अगले साल के लिए विस्तृत एनुअल एक्शन प्लान तैयार करने को कहा है, जिसमें मासिक और साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित हों।

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