Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड के दो लाख से अधिक बेरोजगार युवाओं (DELED Uttarakhand) की नजर आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है। मामला उत्तराखंड के NIOS से डीएलएड कर चुके अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में लेने का है। जिसका इंतजार युवा पिछले 3 साल से कर रहे हैं, जबकि पहले भी निचली अदालत से उन्हे सहमती मिल चुकी है।
राज्य में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के मामले की आज एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। पहले भी हाईकोर्ट ने एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था। इस फैसले के खिलाफ पहले बीएड अभ्यर्थी और फिर सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी।
DELED Uttarakhand: दाँव पर 2 लाख युवाओं का भविष्य
NIOS से डीएलएड अभ्यर्थियों की संख्या करीब 37000 है। और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DELED Uttarakhand) से हर साल 650 लोग दो साल का डीएलएड कोर्स कर निकल रहे हैं, जबकि डेढ़ लाख बीएड किए हुए छात्र हैं। शिक्षा विभाग में 2600 से अधिक पदों पर होने वाली भर्ती पिछले तीन साल से लटकी है।
15 नवंबर 2021 को उत्तराखंड सरकार ने NIOS से डीएलएड अभ्यर्थियों (DELED Uttarakhand) को इस भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था, लेकिन बाद में रद्द कर दिया गया था। इससे नाराज होकर अभ्यर्थी सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे।
नैनीताल हाईकोर्ट से NIOS से डीएलएड अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला आने के बाद मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। 30 जून 2023 को शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए शिक्षा निदेशक को सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिए जाने के निर्देश दिए।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ जाने वाले अभ्यर्थियों (DELED Uttarakhand) में हरिद्वार निवासी जयवीर सिंह, प्रियंका रानी, उमेश कुमारी, पंकज कुमार सैनी सुप्रीम कोर्ट गए हैं। जहां शायद आज इनकी किस्मत का फैसला होगा।
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