/ Sep 16, 2025
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DEHRADUN FLOODS: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार रात (15 सितंबर) से हो रही भारी बारिश ने मंगलवार सुबह सहस्त्रधारा क्षेत्र में तबाही मचा दी। अचानक बादल फटने से तमसा नदी उफान पर आ गई और टपकेश्वर महादेव मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया। दुकानों, होटलों और गाड़ियों के बह जाने के साथ-साथ सड़कों को भी भारी नुकसान हुआ। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। मौसम विभाग ने देहरादून समेत चार जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।
इस आपदा में सहस्त्रधारा और मालदेवता सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। कई दुकानें और होटल क्षतिग्रस्त हो गए। करलीगाड़ नाले का जलस्तर अचानक बढ़ने से गाड़ियां बह गईं और दो लोग लापता हो गए। मालदेवता क्षेत्र में 100 मीटर लंबी सड़क बह गई, जबकि देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर फन वैली के पास एक पुल ढह गया। टपकेश्वर महादेव मंदिर में सुबह 5 बजे से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे मंदिर का आंगन और हनुमान प्रतिमा तक पानी भर गया, हालांकि गर्भगृह सुरक्षित रहा। मंदिर के पुजारी आचार्य बिपिन जोशी ने कहा कि इस तरह की स्थिति उन्होंने पहले कभी नहीं देखी।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। पौंधां क्षेत्र में देवभूमि इंस्टीट्यूट में जलभराव से फंसे 200 छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया। प्रेमनगर के ठाकुरपुर में स्वर्णा नदी के बीच में फंसे एक बच्चे को एनडीआरएफ ने सफलतापूर्वक बचाया। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी उफान पर आने से तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जबकि कई वाहन पानी में फंसे। राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि देहरादून जिले में 20 जगहों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है, दो पुल बह गए हैं और कई लोग लापता है।
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