इन लोगों को भूलकर भी नहीं बताना चाहिए अपना दुःख

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Chanakya Niti in hindi
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यूं तो इस दुनियां में सभी को किसी न किसी बात का दुख रहता ही है,सभी इस कलियुग में किसी न किसी बात से परेशान जरुर ही रहते हैं ऐसे में यदि आप किसी से अपना दुख साझा करने की सोच रहे हैं तो आपको भी कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है। तो चलिए जानते हैं वो खास बातें कौन सी हैं।
चाणाक्य की नीतियों को आज भी लोग सच का आइना समझते हैं। लोगों का मानना है कि विष्णु की नीतियों को अपना पाना कठिन होता है लेकिन जिन लोगों ने भी यह अपनाया है उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। चाणक्य ने अपनी नीति में दुश्मनी मित्रता और वैवाहिक जीवन कारोबार नौकरी आदि से जुड़ी कईं बातों को विस्तार से बताया है।

उन्होंने एक श्लोक के माध्यम से बताया है कि आखिर किसी को अपना दुख बताने से पहले कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए, उन्होंने एक श्लोक में बताया है कि अपना दर्द सबको ना बताएं, मरहम एक आधे घर में होता है। और नमक घर घर में होता है। जिसका मतलब है कि व्यक्ति को हर किसी के साथ अपना दुख नहीं बांटना चाहिए। क्योंकि आपके दुखों का निवारण इस दुनियां में बहुत कम लोग करेंगे। जबकि ज्यादत्तर लोग आपकी तकलीफ सुनकर प्रसन्न होते हैं जबकि वो अपनी कटाक्ष भरी बातों से आपके दुख को और ज्यादा बढ़ाने का काम करेंगे।

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नीति शास्त्र के अनुसार मनुष्य जब परेशानी में होता है तो उसका मन भारी हो जाता है वो अपनी बात किसी और को बताकर अपना मन हल्का करना चाहता है लेकिन भावनाओं में आकर मनुष्य कभी कभी अपना दुख ऐसे इंसानों का बताता है जो उसका शुभचिंतक नहीं होता ऐसे लोग आपकी परेशानी जानकर पीठ पीछे खुश होते हैं और बातें बनाते हैं किसी को भी अपना दुख बताने से पहले ये जान लेना चाहिए वो इंसान आपका हमदर्द है या फिर नहीं। चाणक्य ने अपनी नीति में ये भी बताया है कि किसी को आपके दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

उनके अनुसार राजा को दूसरे लोगों के दुख दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उन्हें कानून के नियमों के भीतर रहकर निष्पक्ष फैसला लेना पड़ता है यदि वो सभी की भावनाओं को लेकर चलेंगे तो वो सच को अनदेखा कर सकते हैं।
चाणक्य के अनुसार वैश्या का भी ऐसा ही स्वभाव होता है जिसे केवल अपने काम और पैसों से मतलब होता है उसे किसी दुख दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ता है फिर चाहे कोई कितने भी दुख में क्यों न हो।

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इसके अलावा छोटे बच्चों को भी अपना दुख नहीं बताना चाहिए क्योंकि उनकी मष्तिष्क में इतनी क्षमता नहीं होती है कि वो किसी के सही या गलत की पहचान कर सके। वो तकलीफों और भावनाओं से परे होते हैं।चाणक्य नीति के अनुसार चोर को भी किसी के दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों कि उसे केवल चोरी करने से मतलब होता है। वो इस चीज के बारे में नहीं सोचता कि उसके इस काम से कैसे लोगों को भुगतना पड़ता है या फिर ऐसे करने से लोगों पर क्या असर होगा।
माना जाता है कि यदि किसी को कोई परेशानी है तो उसे भगवत गिता का पाठ जरुर करना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि जो भी गिता का पाठ करता है उसके जीवन में आ रही मुश्किलों को हल करने का समय मिलता है गिता में वर्णित हर एक श्लोक मनुष्य की हर परेशानी को हल कर सकता है।

Chanakya Niti in hindi : मन की शांति

भगवत गिता में लिखा है कि मनुष्य का शरीर मात्र एक कप़ड़े के टुकड़े के सम्मान है जिस तरीके से इंसान पुराने वस्त्रों को त्यागकर नए वस्त्र धारण करता है वैसे ही आत्मा भी पुराने शरीर को त्यागकर नए शरीर में प्रवेश करती है य़ानी कि हमेशा मनुष्य की पहचान उसके शरीर से नहीं बल्कि आत्मा और मन से होती है तो मनुष्य को कभी किसी के मरने पर शोक नहीं करना चाहिए। क्योंकि आत्मा अजर अमर होती है

Chanakya Niti in hindi: क्रोध पर काबू

गुस्सा यूं तो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो आज के समय में हर किसी आता है लेकिन इसी क्रोध के कारण व्य्कति सही और गलत की पहचान नहीं कर पाता है इसिलिए वे क्रोध में कईं बार गलत निर्णय भी ले लेते हैं गिता में कहा गया है कि मनुष्य को क्रोध का मार्ग छोड़कर शांति का मार्ग अपना लेना चाहिए।

Chanakya Niti in hindi : किसी से ज्यादा लगाव नहीं

ऐसा कहा जाता है कि किसी से भी ज्यादा लगाव नहीं रखना चाहिए एक दिन यह आदत मनुष्य को नुकसान पहुंचा सकती है इंसान को खुशी गम हर हालात में अपना संतुलन बना कर रखना चाहिए।

स्वार्थ का त्याग

ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी को सफलता चाहिए तो उसे सबसे पहले अपने स्वार्थ का त्याग करना चाहिए क्योंकि स्वार्थी मनुष्य अपने स्वभाव के कारण कभी सफल नहीं हो सकता
गिता में ये भी बताया गया है कि फल के बारे में नहीं सोचना चाहिए यदि कर्म अच्छे होंगे तो फल भगवान खुद ब खुद ही देंगे।

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