सीएम बनने के बाद पहली बार पैतृक क्षेत्र में ‘बुलडोजर बाबा’ योगी, इलाके में जश्न और खुशी

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यमकेश्वर/देहरादून, ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में बंपर जीत के बाद दोबारा राज्य के मुखिया बने बुलडोजर बाबा योगी आदित्यनाथ आज अपने पैतृक क्षेत्र में हैं। यमकेश्वर ब्लाॅक के बिथ्याणी में उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय प्रांगण में अपने गुरु और ब्रह्लीम महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया। पिता के निधन के बाद पहली बार अपने पैतृक क्षेत्र में पहुंचने पर इलाके में उत्साह और खुशी का माहौल है। कार्यक्रम के बाद वह अपनी मां सावित्री देवी और बहन समेत अन्य परिजनों से भी मिलेंगे। इससे अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह आज दिन में देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। यहां पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का उत्तराखंड के वरिष्ठ मंत्री और ऋषिकेश विधायक प्रेमचन्द अग्रवाल ने स्वागत किया। इसके बाद सीएम योगी हेलीकॉप्टर से अपने पैतृक क्षेत्र यमकेश्वर के लिए रवाना हुए।

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दरअसल, लंबे समय अंतराल के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे हैं। मंगलवार को उन्होंने यमकेश्वर ब्लाक के बिथ्याणी में अपने गुरु अवेद्यनाथ की प्रतिमा का लोकार्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व सीएम और सांसद गढ़वाल तीरथ सिंह रावत, मंत्री सतपाल महाराज समेत कई भाजपा नेता मौजूद रहे। महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय प्रांगण में अपने गुरु और ब्रह्लीम महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण के दौरान उत्तराखंड सभी नेताओं ने भी अपने-अपने विचार सभी के सामने रखे। अंत में योगी आदित्यनाथ ने भी कार्यक्रम में पहुंचे लोगों को संबोधित किया।

सीएम योगी के छोटे भाई महेंद्र बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि योगी जी का मुख्य कार्यक्रम महाविद्यालय में ही है। यमकेश्वर में उच्च शिक्षा के लिए कोई संस्थान न होने पर वर्ष 2004-05 में महायोगी गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय की स्थापना सीएम योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयासों से की गई थी। योगी आदित्यनाथ वर्ष 2017 में पहली बार यूपी के सीएम बनने से पूर्व एक बार गांव आए थे। इसके बाद दोबारा भी वह सीएम बन चुके हैं। तब से लेकर अब तक कई बार वह उत्तराखंड आए हैं, लेकिन अपने पैतृक क्षेत्र और गांव में नहीं आए थे।

आपको यह भी बता दें कि दो साल पहले 20 अप्रैल, 2020 को उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट का निधन हो गया था। इस दौरान कोरोना काल चुनौतिपूर्ण व्यस्तताओं के कारण वह अपने पिता के अंतिम दर्शन करने भी नहीं पहुंचे थे। यूपी में दोबारा मुखिया के तौर काबिज होने के बाद उन्होंने उन्होंने अपने पैतृक गांव पहुंचकर मां से आशीर्वाद लेने की बात कही थी।