भाजपा स्टार प्रचारकों के भरोसे, ये कांग्रेस प्रत्याशी खुद ही करते रहे अपना प्रचार

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार का शोर बन्द, अब बूथ मजबूत करने में जुटी पार्टियां

थराली (मोहन गिरी): एक दिन बाद 14 फरवरी को उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान होना है। ऐसे में जहां राजनीतिक दलों के प्रचार का शोर बन्द हो गया है, वहीं अब राजनीतिक दलों के प्रत्याशी और उनके समर्थक विकासखण्ड वार बूथों की मजबूती में भी जुट गए हैं। दूसरी ओर दूरस्थ क्षेत्रो में निर्वाचन के लिए पोलिंग पार्टियां भी रवाना हो चुकी हैं।

इस बार थराली सीट पर भी चुनाव रोचक मोड़ में आ गया है। इस सीट पर जहां बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को वोट के रूप में भुनाने की कोशिश में जुटी है तो वहीं कांग्रेस स्थानीय मुद्दों पर बीजेपी से 5 साल के कार्यकाल का हिसाब मांग रही है।वहीं अब तक के चुनाव प्रचार में बीजेपी स्टार प्रचारकों के भरोसे डोर टू डोर कैम्पेनिंग के साथ साथ जनसभाओं में केंद्र की मोदी सरकार के आल वेदर रोड, धारा 370, राम मंदिर निर्माण ,जल जीवन मिशन, आयुष्मान योजना समेत किसान सम्मान निधि पर जनता के बीच वोट मांगने गयी वहीं स्थानीय मुद्दों पर बीजेपी नेता ज्यादातर चुप्पी ही साधे रहे।

दूसरी ओर कांग्रेस और प्रत्याशी जीतराम ने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारने की बजाय खुद ही मोर्चा संभाले रखा इस पूरे चुनाव में थराली सीट पर बीजेपी के मुख्य स्टार प्रचारकों में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत ने डोर टू डोर जनसंपर्क के साथ ही जनसभाएं की। इन स्टार प्रचारकों के मुकाबले कांग्रेस प्रत्याशी डॉ जीतराम खुद ही जनता के बीच वोट मांगते नजर आये ,कांग्रेस इस चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर उत्तराखंड की बीजेपी सरकार और थराली विधायक से सवाल करती नजर आयी। कांग्रेस इस समय स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाल स्थिति,सड़को के गड्ढे ,स्कूलों की जर्जर हालत और शिक्षकों की अनुपस्थिति के साथ ही थराली देवाल हॉटमिक्स, थराली घाट मोटरमार्ग ,थराली खनसर सड़क और नारायणबगड़ दिवालीखाल मोटरमार्ग के निर्माण में देरी पर बीजेपी को घेरते नजर आयी कांग्रेस प्रत्याशी ने जहां बीजेपी सरकार में थराली विधानसभा में विकास का इंजन फेल बताया और अपनी जीत के दावे किए वहीं बीजेपी प्रत्याशी के मुताबिक थराली विधायक मुन्नीदेवी शाह के कार्यकाल में थराली में विकास के ऐतिहासिक कार्य हुए हैं और इन कामो को देखते हुए बीजेपी प्रत्याशी भी अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे हैं। बहरहाल 14 फरवरी को मतदान होना है और 10 मार्च को थराली सीट पर नतीजे चाहे जो भी हो लेकिन थराली का चुनाव फिर एक बार रोचक मोड में आ चुका है और थराली विधानसभा में साइलेंट वोटर निर्णायक भूमिका निभा सकता है।