Uttarakhand Devbhoomi Desk: अंकिता हत्याकांड में सरकार की ओर से जितेंद्र रावत को सरकारी वकील (ankita case revisit) बनाया गया था, लेकिन अंकिता के परिजनों को सरकारी वकील पर भरोसा नहीं आया। उन्होंने सरकारी वकील पर आरोप लगाया था कि वह अदालत में मामले की कमजोर पैरवी कर रहे हैं, जिसके बाद अब वकील बदल दिया गया।
अब अदालत में अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले की पैरवी के लिए सरकार ने अधिवक्ता अवनीश नेगी को सरकारी वकील (ankita case revisit) बनाकर भेजा है। सरकार ने अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी की इच्छा और सहमती से वकील की नियुक्ति की गई। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किए हैं।
Ankita case Revisit: अवनीश नेगी हैं नए सरकारी वकील
19 जुलाई 2022 को अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने पौड़ी गढ़वाल जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान को पत्र लिखकर इच्छा जताई कि वह इस मामले में अवनीश नेगी पूर्व डीजीसी क्रिमिनल को विशेष लोक अभियोजन नियुक्त किया जाए। जिलाधिकारी ने इस पत्र को शासन की अनुमति के लिए भेजा था। शासन ने अंकिता के पिता की इच्छा के अनुसार ही अवनीश नेगी को सरकारी वकील नियुक्त किया है।
अंकिता हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले दिन से ही एक्शन मोड में नजर आए। पहले मामले की जानकारी (ankita case revisit) मिलते ही मुख्यमंत्री धामी ने इस मुकदमे को राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर कराया। साथ ही अंकिता के परिजनों को 25 लाख की आर्थिक सहायता भी प्रदान की।
सरकार की ओर से तुरंत एसआईटी गठित की गई। जबकि काँग्रेस और कुछ समजसेवियों ने एसआईटी के बजाय मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज किया और साकार पे भरोसा जताया।
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