/ Dec 17, 2025
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DELHI NCR POLLUTION: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में खास तौर पर दिल्ली और सोनीपत के नगर निकायों के एक्शन प्लान की समीक्षा की गई। यह प्रदूषण को लेकर चल रही बैठकों की सीरीज की तीसरी बैठक थी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एनसीआर में अक्टूबर से दिसंबर तक, जो कि प्रदूषण का पीक समय होता है, विध्वंस कार्यों यानी डिमोलिशन पर पूरी तरह रोक लगाने के प्रावधान किए जाएं। इसके लिए नियमों में संशोधन लंबित रहने तक तत्काल निर्देश जारी करने को कहा गया है।

दिल्ली में ट्रैफिक जाम से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए मंत्री ने मल्टी-लेवल पार्किंग सुविधाओं की सही व्यवस्था करने पर जोर दिया ताकि पार्किंग खुद जाम का कारण न बने। उन्होंने शहर के 62 चिन्हित ट्रैफिक हॉटस्पॉट्स से अवैध पार्किंग और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय करके ऐसे रोड कॉरिडोर की पहचान करने को कहा गया है जहां सुबह 9 से 11 बजे और शाम 4 से 7 बजे के पीक आवर्स में ट्रैफिक सिग्नल फ्री चल सके। इन कॉरिडोर पर बीएस-4 (BS-IV) मानक से नीचे के वाहनों को चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बैठक में दिल्ली नगर निगम को अतिक्रमण में रहने या काम करने वाले लोगों के लिए वैकल्पिक समाधान के साथ 360-डिग्री दृष्टिकोण अपनाने को कहा गया। यह टाइगर रिजर्व में अपनाए जाने वाले स्वैच्छिक पुनर्वास मॉडल की तर्ज पर होगा, जिसका उद्देश्य ट्रैफिक जाम और प्रदूषण हॉटस्पॉट को खत्म करना है। मंत्री ने ओखला, भलस्वा और गाजीपुर के पुराने कूड़े के ढेर (लिगेसी वेस्ट) को हटाने के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया और कहा कि 2026 के अंत तक इसके ठोस परिणाम दिखने चाहिए। सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने पर भी जोर दिया गया ताकि दुर्घटनाएं और ट्रैफिक जाम न हों।

औद्योगिक इकाइयों द्वारा स्वच्छ ईंधन के उपयोग की जांच के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को उद्योगों के पीएनजी उत्पादन और खपत बिलों का विश्लेषण करने का निर्देश दिया गया है। मंत्री ने कहा कि सर्दियों में बायोमास और कचरा जलाने से रोकने के लिए सीएसआर पहल के तहत श्रमिकों को हीटिंग डिवाइस (तापने के उपकरण) उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने अधिकारियों और एजेंसियों से मिशन मोड में काम करने का आग्रह किया ताकि अगले एक साल में AQI में 40 प्रतिशत की कमी हासिल की जा सके। बैठक में मंत्रालय के सचिव, सीपीसीबी और डीपीसीसी के वरिष्ठ अधिकारी और दिल्ली व सोनीपत के नगर आयुक्त भी मौजूद थे।

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