/ Dec 08, 2025

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लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर आज होगी चर्चा, प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 12 बजे करेंगे शुरुआत

VANDE MATARAM LOK SABHA: संसद के शीतकालीन सत्र के छठे दिन सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में चर्चा निर्धारित की गई है। कार्यसूची के अनुसार, इस चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे करेंगे। संसद में इस विषय पर चर्चा के लिए कुल 10 घंटे का समय तय किया गया है। इससे पहले 2 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी दलों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि 8 दिसंबर को लोकसभा में और 9 दिसंबर को राज्यसभा में इस विषय पर चर्चा होगी।

VANDE MATARAM LOK SABHA
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VANDE MATARAM LOK SABHA: सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता रखेंगे अपनी बात

सदन में होने वाली इस चर्चा में सरकार और विपक्ष दोनों ओर से सदस्य भाग लेंगे। सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य केंद्रीय मंत्री अपनी बात रखेंगे। वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और लोकसभा में उपनेता प्रतिपक्ष गौरव गोगोई सहित 8 सांसद चर्चा में शामिल होंगे। इसके अलावा अन्य दलों के सांसद भी राष्ट्रगीत के इतिहास और महत्व पर अपने विचार सदन के पटल पर रखेंगे।

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चर्चा के पीछे के राजनीतिक और सामाजिक कारण

संसद में इस चर्चा के आयोजन के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं। सरकार का उद्देश्य इसके 150 वर्ष पूरे होने पर इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करना है। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इसका संबंध अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से भी देखा जा रहा है, क्योंकि इस गीत का इतिहास बंगाल से जुड़ा है। इसके अलावा, आजादी से पहले 1937 में गीत के कुछ हिस्सों को हटाए जाने से जुड़े ऐतिहासिक विवाद और बंगाल विभाजन (1905) के दौरान इसकी भूमिका जैसे विषयों पर भी सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच बहस होने की संभावना है।

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गीत का इतिहास और संवैधानिक दर्जा

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘वंदे मातरम्’ की रचना 7 नवंबर 1875 को की थी। यह गीत बाद में 1882 में उनके उपन्यास ‘आनंदमठ’ में प्रकाशित हुआ। रवींद्रनाथ टैगोर ने 1896 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में इसे पहली बार सार्वजनिक मंच पर गाया था। आजादी के बाद 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने इसे ‘जन गण मन’ के साथ ही राष्ट्रगीत का दर्जा दिया था। संविधान सभा के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उस समय कहा था कि स्वतंत्रता संग्राम में इस गीत की भूमिका को देखते हुए इसे समान सम्मान दिया जाएगा।

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साल भर चलेंगे आयोजन

केंद्र सरकार ने वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर साल भर कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम होगा। इसके अतिरिक्त, डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी करने के साथ-साथ ‘वंदे मातरम्: सैल्यूट टू मदर अर्थ’ थीम पर वृक्षारोपण और भित्ति चित्र अभियान चलाने की तैयारी है। भारतीय दूतावासों में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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