/ Oct 13, 2025

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बिहार चुनाव से पहले आरजेडी की मुश्किलें बढ़ी, लालू और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप तय

IRCTC SCAM CASE: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में विशेष सीबीआई जज विशाल गोगने ने सोमवार को तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप तय कर दिए। कोर्ट ने माना कि सीबीआई के पास प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिसके आधार पर अब इस मामले में मुकदमा चलेगा। सुनवाई के दौरान लालू परिवार के सभी सदस्य व्यक्तिगत रूप से अदालत में मौजूद थे।

IRCTC SCAM CASE
IRCTC SCAM CASE

क्या है पूरा IRCTC SCAM CASE?

यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान आईआरसीटीसी के दो होटलों बीएनआर होटल रांची और बीएनआर होटल पुरी के रखरखाव ठेकों के आवंटन से जुड़ा है। सीबीआई के आरोप पत्र के अनुसार, इन ठेकों को विजय कोचर और विनय कोचर की सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए जाने में गंभीर अनियमितताएं हुईं। बदले में लालू परिवार को एक बेनामी कंपनी के जरिए दिल्ली के बवाना इलाके में तीन एकड़ मूल्यवान जमीन नाममात्र के भाव पर हस्तांतरित की गई। कोर्ट ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर ठेके आवंटित किए गए, जो पद के दुरुपयोग का मामला बनता है।

IRCTC SCAM CASE
IRCTC SCAM CASE

कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, पूर्व आईआरसीटीसी जीएम वी.के. अस्थाना, आर.के. गोयल, सुजाता होटल्स के निदेशक विजय कोचर और विनय कोचर सहित डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (अब लारा प्रोजेक्ट्स) और अन्य 14 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत आरोप तय किए। इसके अलावा, लालू प्रसाद यादव पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) की धारा 13(1)(डी) और 13(2) के तहत भी आरोप लगाए गए, जो सार्वजनिक पद के दुरुपयोग से जुड़े हैं। इन सभी धाराओं में अधिकतम सात वर्ष की कैद का प्रावधान है। कोर्ट ने आरोपियों की बरी होने की याचिका खारिज कर दी।

IRCTC SCAM CASE
IRCTC SCAM CASE

सीबीआई ने 7 जुलाई 2017 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी और लालू परिवार से जुड़े पटना, नई दिल्ली, रांची और गुरुग्राम के 12 ठिकानों पर छापे मारे थे। एजेंसी ने दिसंबर 2018 में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने तर्क दिया कि साक्ष्यों की श्रृंखला मजबूत है, जबकि लालू पक्ष ने दावा किया कि आरोप आधारहीन हैं। हालांकि कोर्ट ने सीबीआई के पक्ष को सही ठहराया और अगली सुनवाई पर सभी आरोपियों को पुनः अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया।

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