/ Nov 06, 2024

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रोजमर्रा की थकान या हार्ट फेलियर का इशारा? इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

HEART FAILURE: हृदय मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। लेकिन जब हृदय सही ढंग से काम करने में असमर्थ हो जाता है और उसकी पंप करने की क्षमता में धीरे-धीरे कमी आती है तब इस स्थिति को “हार्ट फेलियर” या हृदय विफलता कहा जाता है। हार्ट फेलियर का मतलब यह नहीं है कि हृदय ने काम करना बंद कर दिया है, बल्कि इसका तात्पर्य है कि हृदय कमजोर हो गया है और अपनी सामान्य क्षमता से रक्त पंप नहीं कर पा रहा है। इस वजह से शरीर के विभिन्न अंगों को पर्याप्त मात्रा में रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

HEART FAILURE
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HEART FAILURE के कारण 

अगर हार्ट फेलियर के कारणों की बात करें तो कुछ कारण ये हो सकते हैं-

  • इसमें प्रमुखता से उच्च रक्तचाप, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, डायबिटीज, हृदय की किसी पुरानी क्षति या मांसपेशियों की कमजोरी शामिल हैं।
  • उच्च रक्तचाप के कारण हृदय को अधिक ताकत से रक्त पंप करना पड़ता है, जिससे उसकी मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और वे धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं।
  • इसी तरह, कोरोनरी आर्टरी डिजीज में हृदय की रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा हो जाती है, जिससे हृदय की कोशिकाओं को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती।
  • डायबिटीज भी एक महत्वपूर्ण कारण है, क्योंकि यह हृदय की कोशिकाओं और रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंचाती है।
  • इसके अलावा, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली जैसे धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, और उच्च वसा वाले आहार का सेवन भी हृदय की सेहत पर नकारात्मक असर डालता है।
  • उम्र बढ़ने के साथ-साथ हार्ट फेलियर की संभावना भी बढ़ती है, क्योंकि उम्र के साथ हृदय की मांसपेशियाँ कमजोर होती जाती हैं।
HEART FAILURE
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HEART FAILURE के ये हो सकते हैं लक्षण 

हार्ट फेलियर के लक्षण बहुत स्पष्ट होते हैं, लेकिन इन्हें अनदेखा करने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।

  • इसके प्रमुख लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, अत्यधिक थकान महसूस होना, पैरों और टखनों में सूजन आना, और धड़कन का अनियमित या तेज हो जाना शामिल हैं।
  • सांस की कमी की समस्या सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है, खासकर जब व्यक्ति लेटता है या थोड़ी भी शारीरिक गतिविधि करता है। इसके कारण रोगी को आराम की स्थिति में भी परेशानी होती है। थकान के कारण साधारण कार्यों को करने में भी समस्या होती है, जिससे मरीज का दैनिक जीवन प्रभावित होता है।
  • सूजन हृदय की विफलता का एक और सामान्य लक्षण है, क्योंकि रक्त प्रवाह की कमी के कारण शरीर के विभिन्न हिस्सों में द्रव जमा होने लगता है। यदि इन लक्षणों को गंभीरता से नहीं लिया जाता तो हार्ट फेलियर और भी विकराल रूप धारण कर सकता है।
HEART FAILURE
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हार्ट फेलियर का इलाज संभव है

हार्ट फेलियर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसका इलाज संभव है। इसके उपचार के लिए सही दवाओं, स्वस्थ जीवनशैली, और आवश्यक मेडिकल उपकरणों का सहारा लिया जा सकता है। डॉक्टर मरीज को रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए दवाएं देते हैं, ताकि हृदय पर दबाव कम किया जा सके। नियमित व्यायाम से हृदय मजबूत होता है और रक्त संचार बेहतर होता है। कुछ मामलों में, पेसमेकर, इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर-डेफिब्रिलेटर (ICD) जैसे उपकरण लगाए जाते हैं ताकि हृदय को नियमित रूप से धड़कने में मदद मिल सके। गंभीर स्थिति में हार्ट ट्रांसप्लांट की आवश्यकता भी पड़ सकती है।

HEART FAILURE
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संतुलित जीवनशैली से ही हार्ट फेलियर से बचा जा सकता है

हार्ट फेलियर को पूरी तरह से रोकना हमेशा संभव नहीं होता है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि व्यक्ति नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराए और अपनी जीवनशैली को संतुलित रखे। सही खान-पान, शारीरिक सक्रियता, और तनाव का प्रबंधन हार्ट फेलियर को रोकने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। इसके अलावा, अगर किसी को हृदय संबंधी समस्याओं के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने और हृदय को स्वस्थ रखने के लिए समय पर कदम उठाना बेहद महत्वपूर्ण है।

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