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मरीजों को ढोने वाली ये आपातकालीन सेवा खुद बीमार? दो किमी चलने के बाद ही हांफ रही एम्बुलेंस

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मरीजों को ढोने वाली ये आपातकालीन सेवा खुद बीमार? दो किमी चलने के बाद ही हांफ रही एम्बुलेंस

देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अस्पताल तो रेफरल सेंटर मात्र बने हुए हैं, वहीं आपातकालीन 108 सेवा के गाड़ियां भी जगह-जगह हांफती दिख रही हैं। देहरादून जनपद के चकराता विकासखंड में मरीजों को लेने जा रही 108 सेवा की कई गाड़ियां पहले तो तो समय पर पहुंचती ही नहीं अगर पहुंच भी गईं तो भरोसा नहीं कि मरीज को गंतव्य तक ले जा पाएंगी या नहीं कहना मुश्किल है। चकराता ब्लाॅक में दो माह में ऐसे ही तीन मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जा रही 108 सेवा की एम्बुलेंस गंतव्य से दो किमी आगे ही बंद हो गई। इसके तीन घंटे बाद दूसरी गाड़ी पहुंची। इस बीच प्रसव पीड़ा से गर्भवती महिला कराहती रही। कई बार मरीज को समय पर अस्पताल न पहुंचा पाने से वह दम भी तोड़ रहे हैं।

मरीजों को ढोने वाली ये आपातकालीन सेवा खुद बीमार? दो किमी चलने के बाद ही हांफ रही एम्बुलेंस

गर्भवती महिला को ले जा रही 108 हो गई खराब, प्रसव पीड़ा से कराहती रही महिला, तीन घंटे बाद पहुंची दूसरी गाड़ी

बता दें कि देहरादून जनपद के सुदूर जौनसार बाबर में न तो कोई बड़ा अस्पताल है और ना ही 108 सेवा की गाड़ियां समय पर मरीज तक पहुंच रही है जौनसार बावर क्षेत्र चकराता विकासखंड सही मामला सामने आया है जहां गहरी गांव की एक महिला को पुरुषों के लिए अस्पताल लेकर निकली एंबुलेंस 2 किलोमीटर आगे ही खराब हो गई। इसके बाद दूसरी 108 आने में करीब 3 घंटे का समय लग गया। इस बीच 3 घंटे तक प्रसव पीड़ा से गर्भवती महिला कराहती रही। 3 घंटे के इंतजार के बाद पहुंची एंबुलेंस ने गर्भवती महिला को सीएससी चकराता पहुंचाया। स्थानीय लोगों में एंबुलेंस सेवा के वाहनों की बदहाली को लेकर आक्रोश है। इससे पहले भी पिछले जून माह में एंबुलेंस में खराबी आ गई थी।

बता दें कि जौनसार बावर के चकराता विकासखंड के सीमांत गमरी गांव निवासी श्याम की पत्नी निशा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस सेवा 108 के लिए फोन किया गया था। इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्वांसी से गर्भवती महिला को लेने के लिए एंबुलेंस पहुंची। प्राथमिक उपचार के बाद सीएचसी चकराता के लिए महिला को रवाना किया गया। एम्बुलेंस पीएचसी क्वांसी से 2 किलोमीटर आगे ही खराब हो गई। महिला के परिवार वालों ने दूसरी 108 एंबुलेंस भेजने का की गुहार लगाई। दर्द से कराहती प्रसूता को परिजन किसी रिश्तेदार की बाइक में बैठाकर वापस क्वांसी पीएचसी लेकर गए। दूसरी एंबुलेंस आने के बाद महिला को सीएचसी चकराता रवाना किया गया। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की इस तरह की बदहाली से स्थानीय लोगों में गुस्सा है।

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