यमुनोत्री विधानसभा में राह नहीं आसान, बन रहा सियासी ट्राइंगल
दीपक पर करोड़ों के भ्रष्टाचार और गबन के आरोप के चलते डीएम को मिला चार्जइधर कांग्रेस टिकट जारी करती है तो पहले से तैयारी में जुटे संजय डोभाल करेंगे बगावत या निर्दलीय उतर सकते हैं मैदान में
देहरादून/उत्तरकाशीः उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की तीसरे नंबर की विधानसभा यमुनोत्री में इस बार सियासी ट्राइंगल देखने को मिल रहा है। ऐसे में कौन जीत दर्ज कर पाएगा यह तो आने वाले 14 मार्च को साफ हो जाएगा, लेकिन फिलहाल कांग्रेस जिसे अपना प्रत्याशी घोषित करने जा रही है उस पर करोड़ों रुपये के गबन के आरोप के साथ ही उत्तराखंड शासन ने उसे एक दिन पहले पद से हटाकर डीएम को चार्ज सौंप दिया है। इसके साथ ही एसाआईटी की फाइल भी सचिवालय पहुंच चुकी है। वहीं, अगर संजय डोभाल को टिकट मिलता है तो कहीं न कहीं दीपक बिजल्वाण, सुखदेव रावत समेत कई अन्य विरोधी भी संजय को पटखनी देने या यूं कहें कि भीतरघात और बगावत करेंगे।
ऐसे में कहीं न कहीं सीधे तौर पर फायदा सिटिंग विधायक केदार सिंह रावत को होने वाला है। यहां ऐसा सियासी ट्राइंगल बन रहा है जिससे काफी कम अंतर से नेता जीतकर यमुनोत्री के विधायक के पद विराजमान होंगे। यमुनोत्री की जनता का रुझान वैसे पार्टियों पर कम और निजी संबंधों वाले प्रत्याशियों पर ज्यादा रहा है। सिर्फ मोदी लहर में पिछले विधानसभा चुनाव में केदार सिंह रावत वहां से चुनाव जीते थे और केदार सिंह रावत पहले कांग्रेस और उनके बड़े भाई भाजपा के नेता और चंकबंदी के बड़े प्रणेता रह चुके हैं। ऐसे में सियासी बिसातें बिछ चुकी हैं।
आज शाम तक या फिर दो-तीन घंटे में साफ हो जाएगा कि कांग्रेस यमुनोत्री से किसे प्रत्याशी घोषित करती है। भाजपा ने तो सिटिंग विधायक केदार सिंह रावत को मैदान में उतार दिया है। वहीं, कांग्रेस ने अभी तक अपनी एक भी सूची नहीं जारी की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पहली सूची में ही यमुनोत्री का नाम कांग्रेस फाइनल कर दे। वैसे दीपक के समर्थक उनका टिकट तीन दिन पहले ही फाइनल होना बता रहे हैं जबकि संजय के समर्थक उनका टिकट 101 प्रतिशत होने की बात कर रहे हैं। जो भी इस बार यमुनोत्री में पक्का बड़ा घमासान होगा। कई लोग हरीश रावत के समर्थकों और उनकी रीति-नीति को भी इस बार यहां ढंग से पटखनी देने की बात कर रहे हैं।