/ Dec 21, 2025
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WINTER HEALTH TIPS: उत्तर भारत सहित देश के कई इलाकों में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रखा है। मौसम विभाग और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह मौसम केवल ठिठुरन नहीं बढ़ा रहा, बल्कि सेहत के लिए भी गंभीर खतरे पैदा कर रहा है। कोहरा और गिरता तापमान हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों को फंसाकर ‘स्मॉग’ बना रहा है, जो हमारे फेफड़ों और दिल के लिए बेहद खतरनाक है। इससे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को सांस लेने में भारी तकलीफ हो सकती है। ऐसे में अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना और जीवनशैली में बदलाव करना बेहद जरूरी हो गया है।

इस कड़ाके की ठंड में शरीर को अंदर से गर्म रखने के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने ‘इम्युनिटी बूस्टिंग गाइडलाइंस’ जारी की हैं। मंत्रालय ने रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध के सेवन को बेहद कारगर बताया है। हल्दी में पाया जाने वाला ‘करक्यूमिन’ तत्व एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है जो सर्दी, खांसी और गले की खराश से हमें बचाता है। इसके अलावा, सर्दियों में रोजाना च्यवनप्राश खाने की सलाह दी गई है। इसमें मुख्य रूप से आंवला होता है जो विटामिन सी का खजाना है और शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत देता है।

सर्दियों में अक्सर लोग पानी कम पीते हैं क्योंकि उन्हें प्यास नहीं लगती, लेकिन यह आदत डिहाइड्रेशन का शिकार बना सकती है। अमेरिका के ‘मेयो क्लिनिक’ की रिपोर्ट बताती है कि ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए हमारा मेटाबॉलिज्म ज्यादा तेजी से काम करता है, जिसके लिए शरीर को पर्याप्त पानी की जरूरत होती है। विशेषज्ञों ने फ्रिज के ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने की सलाह दी है। इसके साथ ही खान-पान में गुड़ और तिल को शामिल करना चाहिए। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार, गुड़ और तिल की तासीर गर्म होती है जो शरीर में आयरन की कमी पूरी करते हैं और अंदरूनी गर्मी देते हैं।

हृदय रोगियों और बुजुर्गों के लिए यह मौसम सबसे ज्यादा नाजुक होता है। ठंडे तापमान की वजह से हमारी रक्त वाहिकाएं यानी ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और दिल पर खून पंप करने का दबाव बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा रहता है। डॉक्टरों की सलाह है कि जब कोहरा ज्यादा हो तो सुबह की सैर से बचें और धूप निकलने के बाद ही बाहर जाएं। कपड़ों को लेकर ‘सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ का सुझाव है कि एक मोटा कपड़ा पहनने के बजाय ‘लेयरिंग’ करें यानी एक के ऊपर एक कई पतले कपड़े पहनें। परतों के बीच फंसी हवा शरीर की गर्मी को बाहर जाने से रोकती है।

‘अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी’ के अनुसार ठंडी हवा त्वचा की नमी छीन लेती है जिससे खुजली या विंटर रैश हो सकते हैं। इससे बचने के लिए नहाने के तुरंत बाद नारियल या बादाम का तेल लगाएं। वहीं, धूप की कमी से विटामिन डी का स्तर गिर सकता है, इसलिए यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) मशरूम और फोर्टिफाइड अनाज खाने की सलाह देती है। श्वसन तंत्र को मजबूत करने के लिए अदरक और तुलसी का काढ़ा एक वैज्ञानिक उपाय है। घर से बाहर निकलते समय एन-95 मास्क का प्रयोग जरूर करें ताकि फेफड़ों को प्रदूषण के बारीक कणों से बचाया जा सके।

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डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख केवल सामान्य जानकारी हेतु है, यह किसी भी तरह की डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है। अपनी डाइट में कोई भी बदलाव करने से पहले विशेषज्ञ या चिकित्सक से राय जरूर लें।
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