IAS रामविलास यादव को आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में कल देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे इसके बाद ये कार्रवाई हुई।
इससे पहले आरोपी आईएएस रामविलास यादव आखिरकार विजिलेंस के सामने पेश हो गए। विजिलेंस अधिकारियों ने उनसे करीब सात घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उनके दस्तावेज का सत्यापन किया गया और तकरीबन 100 से अधिक सवाल किए गए। कुछ पर यादव चुप्पी साध गए तो कुछ पर टीम को इधर-उधर की बातों में उलझाने का प्रयास किया।
बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अनुमोदन के बाद सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने आईएएस यादव के सस्पेंड करने के आदेश किए हैं। अपर सचिव कृषि व उद्यान रामबिलास यादव इसी माह 30 जून को रिटायरमेंट है। यादव पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। उत्तराखंड गठन के दौरान पीसीएस रामबिलास को उत्तराखंड काडर मिला था, लेकिन अपने आवंटन के खिलाफ यादव समेत कई पीसीएस अफसरों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला और कोर्ट ने पीसीएस अफसरों के याचिका खारिज करते हुए उन्हें आवंटित काडर में ज्वाइनिंग के आदेश दिए थे।
IAS Ramvilas Yadav को विजिलेंस ने किया गिरफ्तार, सीएम धामी ने दिया था सख्त कार्रवाई का आदेश
अप्रैल 2022 में यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। विजिलेंस ने गत वर्ष सितंबर में अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। इसमें आकलन था कि रामविलास यादव के पास उनके ज्ञात आय के स्रोतों से 547 फीसदी अधिक संपत्तियां हैं। मुकदमे के बाद विजिलेंस ने उनके लखनऊ, गाजीपुर और देहरादून स्थित आवासों पर छापे मारे। यहां से महत्वपूूर्ण दस्तावेज हासिल किए गए। इसके बाद रामविलास यादव हाईकोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली।