/ Aug 01, 2025
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Vice President Election 2025: भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि मतदान 9 सितंबर 2025 को होगा और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2025 तय की गई है। यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद रिक्त हुए पद को भरने के लिए कराया जा रहा है। चुनाव आयोग के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना 7 अगस्त को जारी की जाएगी। मतदान 9 सितंबर को कराया जाएगा। उसी दिन वोटों की गिनती कर परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत भारत निर्वाचन आयोग को यह चुनाव आयोजित करने का अधिकार है। यह प्रक्रिया राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952 और उससे जुड़े चुनाव नियम 1974 के अनुसार पूरी की जाएगी। संविधान के अनुच्छेद 66(1) के तहत उपराष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इसमें राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य, 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य शामिल हैं। इस प्रकार कुल 788 सांसद उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान करते हैं।
भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 जुलाई को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था। उन्होंने 2022 के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के रूप में विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को हराया था। धनखड़ के इस्तीफे के बाद से ही राजनीतिक हलकों में नए उपराष्ट्रपति को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी दक्षिण भारत से किसी अनुभवी नेता को मैदान में उतार सकती है।
चुनाव आयोग ने 29 जुलाई 2025 को “भारत के उपराष्ट्रपति पद हेतु निर्वाचन, 2025” नामक बुकलेट भी प्रकाशित की है, जिसमें पूरी चुनाव प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत उपराष्ट्रपति चुनाव का आयोजन भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) करता है। यह चुनाव प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव या अन्य आम चुनावों से बिल्कुल भिन्न होती है। उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 66, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952, और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम 1974 के अंतर्गत संचालित होता है।
2025 में लोकसभा और राज्यसभा के कुल निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्य 788 सांसद इस प्रक्रिया में भाग लेंगे, और किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम 395 वोटों की आवश्यकता होगी। राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य (MLA) इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होते। उम्मीदवार के लिए भारत का नागरिक होना अनिवार्य है, जिसकी आयु कम से कम 35 वर्ष हो। साथ ही, वह राज्यसभा का सदस्य बनने के योग्य होना चाहिए और किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए। नामांकन के लिए कम से कम 20 सांसदों को प्रस्तावक और 20 सांसदों को अनुमोदक के रूप में समर्थन देना अनिवार्य है।
31 जुलाई 2025 को निर्वाचन आयोग ने निर्वाचक मंडल की अंतिम सूची तैयार कर ली है। नामांकन प्रक्रिया जल्द ही अधिसूचित की जाएगी। राज्यसभा के महासचिव को इस चुनाव का रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है। मतदान संसद भवन में गुप्त मतपत्र के माध्यम से होगा, और मतगणना उसी दिन पूरी कर ली जाएगी। संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद रिक्त होने पर जल्द से जल्द चुनाव कराना अनिवार्य है। वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को इस्तीफा दिया था। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने तैयारियाँ शुरू कर दीं और 9 सितंबर 2025 को मतदान की तिथि घोषित की।
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है और नवनिर्वाचित व्यक्ति राज्यसभा के सभापति का कार्य भी करता है। वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति इस कार्यभार को संभाल रहे हैं। चूंकि उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनकी भूमिका निभाते हैं, इसलिए यह चुनाव संवैधानिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वर्तमान में उपराष्ट्रपति पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं, जिनमें कई बड़े नेता शामिल हैं। हालांकि अब तक किसी उम्मीदवार की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों की NDA के पास 426 सांसदों का समर्थन होने का अनुमान है, जो आवश्यक बहुमत से कहीं अधिक है।
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