/ Dec 24, 2025
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VAIBHAV SURYAVANSHI: भारतीय घरेलू क्रिकेट में 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे ट्रॉफी में अपनी बल्लेबाजी से ऐसा कोहराम मचाया कि हर तरफ सिर्फ उन्हीं की चर्चा हो रही है। जिस वक्त क्रिकेट प्रेमी घरेलू मैदान पर विराट कोहली और रोहित शर्मा की वापसी पर नजरें गड़ाए हुए थे, ठीक उसी वक्त बिहार के इस युवा बल्लेबाज ने रांची के मैदान पर इतिहास रच दिया। वैभव ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ खेलते हुए सिर्फ 36 गेंदों में तूफानी शतक जड़ा, जो न सिर्फ भारतीय क्रिकेट बल्कि विश्व क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय है।

रांची के जेएससीए ओवल ग्राउंड में खेले गए इस मुकाबले में बिहार की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। बिहार के उप-कप्तान वैभव सूर्यवंशी जब क्रीज पर उतरे। उन्होंने पहली ही गेंद से अरुणाचल प्रदेश के गेंदबाजों पर हमला बोलना शुरू कर दिया। वैभव ने महज 36 गेंदों में अपना शतक पूरा कर लिया। उन्होंने 12वें ओवर की पहली गेंद पर एक रन लेकर यह ऐतिहासिक आंकड़ा छुआ। अपनी पारी के दौरान उन्होंने कुल 84 गेंदों का सामना किया और 190 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर आउट हुए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 226.19 का रहा।

वैभव सूर्यवंशी ने इस पारी के साथ एक ऐसा विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है, जो पिछले 39 सालों से अटूट था। 36 गेंदों में शतक लगाने के साथ ही वैभव लिस्ट-ए क्रिकेट (घरेलू वनडे) में शतक जड़ने वाले दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जहूर इलाही का रिकॉर्ड तोड़ा है। जहूर इलाही ने साल 1986 में विल्स कप के दौरान 15 साल 209 दिन की उम्र में शतक लगाया था। वैभव ने महज 14 साल की उम्र में यह कारनामा करके उस रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है। इतनी कम उम्र में ऐसी परिपक्वता और आक्रामकता दिखाना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
वैभव सूर्यवंशी का यह शतक लिस्ट-ए क्रिकेट में किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा लगाया गया दूसरा सबसे तेज शतक है। इस मामले में पहले स्थान पर पंजाब के अनमोलप्रीत सिंह हैं, जिन्होंने साल 2024 में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ ही 35 गेंदों में शतक जड़ा था। वैभव उनसे महज एक गेंद से चूक गए। हालांकि, उन्होंने यूसुफ पठान (40 गेंद), उर्विल पटेल (41 गेंद) और अभिषेक शर्मा (42 गेंद) जैसे विस्फोटक बल्लेबाजों को पीछे छोड़ दिया है।उन्होंने एक पारी में 15 छक्के लगाकर विजय हजारे ट्रॉफी के एक और रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है, जो पहले नारायण जगदीशन के नाम था।

VAIBHAV SURYAVANSHI की यह पारी इसलिए भी खास है क्योंकि कुछ दिन पहले ही उन्हें भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ वह बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहे थे और सिर्फ 26 रन बनाकर आउट हो गए थे। उस मैच में पाकिस्तानी गेंदबाज अली रजा के साथ उनकी नोकझोंक और मैदान पर दिखी झुंझलाहट को लेकर सवाल उठाए गए थे। एशिया कप में मिली उस निराशा और आलोचना का जवाब वैभव ने अपने बल्ले से दिया है। एशिया कप में भले ही फाइनल अच्छा नहीं रहा, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने 261 रन बनाए थे।
वैभव सूर्यवंशी के लिए साल 2025 बेहद शानदार रहा है। विजय हजारे ट्रॉफी में लगाया गया यह शतक उनके लिस्ट-ए करियर का तीसरा और इस साल का कुल सातवां शतक है। इससे पहले वह इंग्लैंड में और अंडर-19 एशिया कप में भी शतक जमा चुके हैं। हाल ही में संपन्न हुई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी उन्होंने महाराष्ट्र के खिलाफ अपना पहला टी20 शतक जड़ा था, जिसमें उन्होंने 57 गेंदों में नाबाद 108 रन बनाए थे। अंडर-19 एशिया कप में भी उन्होंने 95 गेंदों में 171 रनों की मैराथन पारी खेली थी, जिसमें 14 छक्के शामिल थे।

इसी साल दोहा में हुए राइजिंग स्टार्स एशिया कप में भी वह भारत-ए टीम के अहम खिलाड़ी थे, जहां उन्होंने यूएई के खिलाफ 32 गेंदों में शतक लगाया था। इसके अलावा, आईपीएल में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई है। राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 38 गेंदों में 101 रन जड़कर इतिहास रचा था। वह आईपीएल इतिहास में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज और सबसे कम उम्र के शतकवीर बने थे। महज 12 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करने वाले वैभव अब सीनियर टीम के दरवाजे पर जोरदार दस्तक दे रहे हैं।

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