Uttarakhand News- Dehradun Bureau: Uttarakhand Police अपने कई कारनामों के लिए अक्सर चर्चाओं में रहती है। कई बार ऐसे हैरान करने वाले केस सामने आते हैं जिससे उत्तरखंड पुलिस (Uttarakhand Police) के कार्मिकों के नक्कारेपन वाली कार्यशाली से हर कोई हैरान हो जाता है। कई बार Uttarakhand Police के कार्मिक फरियादियों को केस दर्ज करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर कर देते हैं। उत्तराखंड में निचले स्तर कार्मिक और अफसर किस कदर बेलगाम और लापरवाह है, इसकी बानगी कई बार देखने को मिलती रही है। कई ऐसे केस जिला स्तरीय जनता दरबार के साथ ही मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचने के बाद उन पर कार्रवाई की जाती है।
Uttarakhand Police के नक्कारेपन और लोगों के उत्पीड़न का ऐसा ही एक मामला सामने आया है नैनीताल जनपद के हल्द्वानी इलाके का। Uttarakhand Police की हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र की नवीन मंडी पुलिस चौकी की एक महिला की 2 भैंस 21 जनवरी 2021 को गौशाला से रात में चोरी हो गई थीं। इसके बाद महिला मंडी पुलिस चौकी पहुंची, लेकिन पुलिस ने भैंस चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
दर दर भटक रही महिला, नहीं हुई सुनवाई
महिला इसके बाद हल्द्वानी कोतवाली, CO, DIG सबके पास पहुंची लेकिन उसे वापस मंडी पुलिस चौकी भेज दिया गया कि रिपोर्ट वहीं पर दर्ज की जाएगी। किसी भी मामले में न्याय दिलाना तो दूर की बात पुलिस (Uttarakhand Police) पहले मुकदमा भी दर्ज नहीं कर रही है। मुकदमा भी चोरी का था किसी से मारपीट, हत्या या किसी विवाद का नहीं था। महिला की भैंसें शायद ही पुलिस दिला पाए लेकिन मुकदमा तो दर्ज कर ही सकती थी। अब सीएम कार्यालय से हस्तक्षेप होने के बाद Uttarakhand Police ने मामले में मुकदमा दर्ज किया है।
Uttarakhand Police ने ऐसे दर्ज किया 1. 5 साल बाद मुकदमा
उत्तराखंड पुलिस के कर्मचारी और अफसर बिना दबाव के शायद ही कोई रिपोर्ट या मुकदमा दर्ज करते हैं। इसका एक जीता जागता उदाहरण नैनीताल जिले की हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र से सामने आया है। पिछले 1.5 साल से एक महिला 2 भैंसें चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए भटक रही थी। मामला सीएम पुष्कर सिंह धामी के दरबार में आने के बाद हल्द्वानी कोतवाली की मंडी पुलिस चौकी को निर्देश जारी किए। अब मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है।
यहां से चोरी हुई थीं भैंसें
दरअसल, हल्द्वानी के अर्जुनपुर क्षेत्र के हाथीखाल की खष्टी देवी की गौशाला से विगत 21 जनवरी 2021 को 2 भैंसे किसी ने चोरी कर ली। इसकी शिकायत खष्टी देवी ने हल्द्वानी कोतवाली की मंडी पुलिस चौकी को दी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इसके बाद खष्टी देवी इस शिकायत को लेकर हल्द्वानी कोतवाली पहुंची। वहां पर भी मुकदमा दर्ज करने की बजाय वापस मंडी पुलिस चौकी भेज दिया गया। 1.5 साल से अधिक समय तक भटकने के बाद भी खष्टी देवी की कोई सुनवाई नहीं हुई। अब मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दरबार में पहुंचा तो वह भी हैरान रह गए।
छोटे-छोटे और निचले स्तर के मामले पहुंच रहे मुख्यमंत्री दरबार
इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल अफसरों को मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आने के बाद मंडी पुलिस चौकी (हल्द्वानी कोतवाली) ने मामले में मुकदमा दर्ज किया है। निचले स्तर के एक छोटे से काम के लिए भी मुख्यमंत्री दरबार का सहारा लेना किस ओर इशारा कर रहा है। कहीं न कहीं छोटे-छोटे और निचले स्तर के मामलों का मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचना भी अपने आप एक बड़ा सवाल है। आखिर कब पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड की मित्र पुलिस यहां के सीधे और भोले-भाले लोगों के साथ मित्र जैसा व्यवहार करेगी?
पुलिस ने ले दे के रफा दफा किया मामला?
हल्द्वानी के हाथीखाल अर्जुनपुर गोरापड़ाव निवासी खष्टी देवी अपने बेटे 2 बेटों के साथ रहती हैं। उनके बेटे हरीश ने बताया कि पिछले साल 21 जनवरी 2021 की रात उनकी गौशाला से दो भैंसे चोरी हो गईं थीं। अगले दिन वह शिकायत लेकर मंडी चौकी पहुंचे और चौकी प्रभारी विजय पाल से शिकायत की। मामला दर्ज न करने पर उनकी मां और वह शिकायत लेकर CO और DIG के पास गए, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और वापस मंडी चौकी भेज दिया।
“आरोपियों की पहचान कर ली, उन्हें जल्द अरेस्ट कर लेंगे”
मंडी चौकी पुलिस ने कहा कि आरोपियों की पहचान कर ली गई और उन्हें जल्द अरेस्ट कर लेंगे, अगले दिन आना। अगले दिन आरोपी के पास कुछ नहीं मिला और आरोप हैं की दोनों भैंस किच्छा में कटवा दी गई। अब भैंस तो नहीं मिली, लेकिन पुलिस हर्जाना दिलाने की बात कही। इस साल विगत चार जुलाई को पीड़ित ने एक अखबार में देखा कि पुलिस ना सुने तो इस नंबर पर व्हाट्सएप करें। ये नंबर मुख्यमंत्री कार्यालय का था। पीड़ित ने साक्ष्य के साथ पूरा मामला व्हाट्सएप कर दिया। इसके बाद अब भैंस चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
2 नहीं तो 1 दूध देने वाली भैंस मिल जाए तो अच्छा
महिला के बेटे हरीश पंत ने बताया कि घटना की अगली सुबह जहां से भैंसों को ले जाया गया था, वहां से उन्हें एक पर्स, एक विजिटिंग कार्ड और एक टोपी मिली थी, जिसे उन्होंने पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। इसी सुबूत को हरीश ने मुख्यमंत्री कार्यालय के व्हाट्सएप नंबर पर भेजा था। अगले ही दिन मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत दर्ज होने की जानकारी व्हाट्सएप पर भेज दी गई। हरीश का कहना है कि उसे केस दर्ज होने से न्याय मिलेगा या नहीं, कुछ पता नहीं लेकिन उसकी भैंसे दूध देने वाली थीं। उसे 2 नहीं तो 1 दूध देने वाली भैंस मिल जाए तो अच्छा है।