/ Sep 02, 2025
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UTTARAKHAND STF : उत्तराखंड एसटीएफ साइबर क्राइम पुलिस टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली से शादाब हुसैन को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबर और फर्जी प्रोफाइल का उपयोग कर IPO और ट्रेडिंग के नाम पर कुल ₹7.39 करोड़ की ठगी की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, नवनीत सिंह ने जानकारी दी कि आरोपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप के माध्यम से खुद को विभिन्न सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ित से रकम हड़पी।
अभियुक्त ने पीड़ित को व्हाट्सएप पर इंडोनेशिया के नंबर +6281319835997 से लिंक भेजा, जिससे वह “M2- Wealth Secrets Exchange Group” नामक ग्रुप में शामिल हो गया। ग्रुप के एडमिन अज्ञात थे। पीड़ित को शेयर मार्केट और निवेश के नाम पर बड़े मुनाफे का लालच देकर अलग-अलग बैंक खातों में धन जमा करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके बाद पीड़ित को “Disciple Team” ग्रुप में शामिल किया गया, जहां उन्हें IPO और ट्रेडिंग में निवेश के लिए लगातार प्रेरित किया गया। Cantillon Capital Management की “काया मैडम” नामक महिला ने निजी संदेशों के माध्यम से बैंक खाते में पैसे जमा करने का निर्देश दिया।
पीड़ित ने 22 जुलाई 2025 से 20 अगस्त 2025 तक लगभग ₹7.39 करोड़ लगभग 15 अलग-अलग बैंक खातों में जमा किए। ऐप में उन्हें यह दिखाया गया कि उनके निवेश से भारी मुनाफा हो रहा है। जब पीड़ित ने 5 करोड़ रुपये निकालने का प्रयास किया, तो उनसे 3 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मांगे गए। अंतरराष्ट्रीय ब्रोकर होने का बहाना देकर पैसे वापस नहीं किए गए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह एक सुनियोजित साइबर ठगी है। अभियुक्त ने नकली SEBI प्रमाण पत्र पेश कर पीड़ित का विश्वास बनाया और तकनीकी साधनों से मानसिक रूप से नियंत्रण रखा।
अभियुक्त शादाब हुसैन, पुत्र वाहिद हुसैन, निवासी 78, परवाना नगर, थाना इज्जतनगर, बरेली, उत्तर प्रदेश को दिल्ली के जामिया नगर, जोगाबाई एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त के पास से 02 मोबाइल फोन बरामद हुए। प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि आरोपी के बैंक खातों के विरुद्ध देश के विभिन्न राज्यों में कुल 33 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें से 04 FIR की पुष्टि हुई है। UTTARAKHAND STF और साइबर क्राइम पुलिस ने संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंपनियों और मेटा कंपनी से डेटा प्राप्त कर उसका विश्लेषण किया, जिससे अभियुक्त की पहचान और ठगी की पूरी योजना सामने आई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उत्तराखण्ड,नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट एक स्कैम है और कोई भी सरकारी एजेंसी आपको व्हाट्सएप के माध्यम से नोटिस नहीं भेजती। अगर कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेज या अवैध सामग्री के नाम पर पैसे मांगता है तो तुरंत STF या साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं। लोग किसी भी ऑनलाइन फ्रेंचाइजी, यात्रा टिकट या धनराशि दोगुना करने वाले प्रलोभन में न आएं। इस तरह की घटनाओं की शिकायत 1930 साइबरक्राइम हेल्पलाइन या http://www.cybercrime.gov.in पर दर्ज कराई जा सकती है। जनता को अधिक जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है।
फर्जी ट्रस्ट बनाकर साइबर ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार, अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े तार
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