/ Jun 01, 2025

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सीएम धामी ने की आपदा प्रबंधन कार्यशाला की शुरुआत, विशेषज्ञ देंगे रणनीतिक सुझाव

UTTARAKHAND DISASTER PREPAREDNESS 2025: उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा आयोजित ‘Monsoon – 2025: Preparedness’ कार्यशाला में भाग लेकर आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए नई पहल की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान महिलाओं के लिए “आपदा सखी योजना” शुरू करने की घोषणा की, जिसमें महिला स्वयंसेवकों को आपदा से पहले चेतावनी देना, प्राथमिक चिकित्सा, राहत और बचाव के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

UTTARAKHAND DISASTER PREPAREDNESS 2025
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदाओं के लिए संवेदनशील राज्य है और बीते वर्षों की प्राकृतिक आपदाओं से सीख लेकर हमें बेहतर तैयारी करनी होगी। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं को रोका नहीं जा सकता, लेकिन त्वरित प्रतिक्रिया, सतर्कता और समन्वित राहत कार्यों से जन-धन की हानि कम की जा सकती है। इसके लिए सभी विभागों के बीच सहयोग और सजगता आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन सभी विभागों का सामूहिक दायित्व है और आम जनता की जागरूकता एवं सक्रिय भागीदारी के बिना कोई भी सरकारी प्रयास सफल नहीं हो सकता।

UTTARAKHAND DISASTER PREPAREDNESS 2025
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मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन में प्रोएक्टिव और रिएक्टिव दोनों रणनीतियों को अपनाने की बात कही। उन्होंने वर्ष 2024 में गौरीकुंड बादल फटने और टिहरी जनपद के तोली गांव में भू-स्खलन जैसी घटनाओं का उदाहरण देते हुए बताया कि समय रहते लिए गए कदमों से हजारों लोगों की जान बचाई गई। उन्होंने प्रभावितों के साथ खड़े रहने को प्राथमिकता बताया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य सैन्य बलों के साथ निरंतर संवाद और समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया।नदी किनारे बसे इलाकों में जलस्तर की निरंतर निगरानी के लिए तकनीकी यंत्र और मानव संसाधन तैनात करने की भी बात कही।

UTTARAKHAND DISASTER PREPAREDNESS 2025
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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेन्द्र सिंह ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग ने इस मानसून उत्तराखण्ड में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान जताया है। इस कारण 15 जून से सितंबर तक का समय राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील रहेगा। इस मौके पर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रोहेला, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन, सचिव शैलेश बगौली, प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन सहित अन्य विभागों के अधिकारी और विशेषज्ञ भी मौजूद थे।

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