Uttarakhand Assembly Recruitment: उत्तराखंड विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने अपना फैसला सुना दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने 228 ऐसी नियुक्तियों को रद्द किया है जो विवादों में घिरी हुई थी। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने सचिव मुकेश सिंघल को भी निलंबित कर दिया है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद लिया फैसला
Uttarakhand Assembly Recruitment उत्तराखंड में हुई भर्ती घोटाले में जब उत्तराखंड विधानसभा में नेताओं को चहेतों और रिश्तेदारों को नौकरी देने पर सवाल उठे तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से इस मामले में कार्रवाई करने का निवेदन किया था। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने भी तत्काल इस मामले में पूर्व आईएएस डीके कोटिया सहित तीन लोगों की जांच समिति बनाई। इस समिति ने गुरुवार रात को अपनी जांच रिपोर्ट उन्हें सौंपी। इस रिपोर्ट के आधार पर 228 नियुक्तियों किया गया रद्द। साथ ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को निलंबित किया गया।
Uttarakhand Assembly Recruitment: अग्रवाल और कुंजवाल के समय की नियुक्ति रद्द
Uttarakhand Assembly Recruitment उत्तराखंड विधानसभा में हुई 480 नियुक्तियों में ऋतु खंडूड़ी ने 228 नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। इसमें 150 नियुक्तियां गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल की हैं और 78 नियुक्तियां प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल के समय की हैं। साथ ही इस मामले में ऋतु खंडूड़ी ने यह भी बताया कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की इन नियुक्तियों में भूमिका की भी जांच की जायेगी।
ऋतु खंडूरी के फैसले का सीएम धामी ने किया स्वागत
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी के 228 नियुक्तियां रद्द (Uttarakhand Assembly Recruitment) करने के फैसले का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा भर्तियों पर कार्रवाई प्रदेश सरकार की सुशासन नीति को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी द्वारा विवादित भर्तियों को रद्द करना अत्यंत सराहनीय कदम है। राज्य सरकार भविष्य में होने वाली भर्तियों में पूर्ण पारदर्शिता लाने हेतु एक कारगर नीति बनाने पर कार्य भी कर रही है।
रोते हुए निकली महिलाएं विधानसभा से बाहर
Uttarakhand Assembly Recruitment विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी के विधानसभा में 228 नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले के बाद वहां माहौल गमगीन हो गया। जिन कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द हुई वे अब क्या करें जैसे भाव में नजर आये। वहीं इस फैसले के बाद कई कर्मचारियों को रोते हुए देखा गया, कुछ महिलाओं तो विधानसभा से बाहर निकलते समय रो रही थी।
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