10 रुपये ज्यादा लेने के चक्कर में अंग्रेजी शराब दुकान प्रबंधक को देने होंगे 27 लाख

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इस अंग्रेजी शराब की दुकान पर भी उड़ रही थी नियमों की धज्जियां, काटा ₹50000 का चालान

780 रुपये की शराब की बोतल के क्रेडिट कार्ड से काटे थे 790 रुपये, जिला उपभोक्ता आयो ने सुनाया फैसला

हरिद्वार/देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हाल ही में कई अंग्रेजी शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग के खिलाफ डीएम लगातार आबकारी विभाग को निर्देश दे रहे हैं। डीएम को मिल रही शिकायतों के साथ ही आबकारी विभाग खुद भी ओवर रेटिंग समेत अन्य कारणों से शराब ठेकों पर निगरानी कर रहे हैं। वहीं, हरिद्वार से एक ऐसे ही ओवर रेटिंग के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाते हुए शराब की बोतल पर एमआरपी 780 रुपये से 10 रुपये ज्यादा 790 रुपये लेने वाली अंग्रेजी शराब दुकान के प्रबंधक को 27 लाख रुपये हर्जाने के तौर पर देने के आदेश दिए हैं। जिला उपभोक्ता आयोग ने शराब की बोतल पर अधिक ली गई धनराशि 10 रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देने, मानसिक और आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में दो लाख रुपये, अधिवक्ता की फीस और शिकायत खर्च 20 हजार रुपये और विशेष क्षतिपूर्ति के रूप में 25 लाख रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।

10 रुपये ज्यादा लेने के चक्कर में अंग्रेजी शराब दुकान प्रबंधक को देने होंगे 27 लाख

जानकारी के मुताबिक हरिद्वार जिले की रोशनाबाद कचहरी में कार्यरत अधिवक्ता अमित कुमार ने एक शिकायत ग्राम धनौरी स्थित विदेशी शराब की दुकान के प्रबंधक अशोक कुमार के खिलाफ दायर की। जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि 19 सितंबर 2019 को वह दुकान पर शराब की एक बोतल खरीदने लिए गए थे। इस बोतल की कीमत 780 रुपये थी। दुकान पर कार्यरत कर्मचारी ने शिकायतकर्ता से डेबिट कार्ड के माध्यम से 790 रुपये लिए थे। बोतल पर अंकित मूल्य से ज्यादा लेने पर विरोध किया तो इस कर्मचारी ने उनसे अभद्र व्यवहार किया। जिस पर शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी। शिकायत की सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्डा और विपिन कुमार ने शराब की दुकान के प्रबंधक को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी ठहराया है।

वहीं, देखा जाए तो अंग्रजी शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग के लिए बाकायदा सेल्समैन का गैंग या फिर यूं कहें कि सिंडिकेट के तौर पर काम करते हैं। हर अंग्रेजी शराब की दुकान पर रोज लाखों रुपये की सेल होती है। अगर किसी एक बोतल, हाफ या पव्वे पर दस-बीस रुपये ज्यादा लिए जाएं तो आप समझ सकते हो कि इनकी हर दिन की कमाई कितनी होगी। दुकान अनुज्ञापी से इतर ये लोग यहां इसीलिए काफी कम सैलरी पर भी काम करते हैं। देहरादून में डीएम के निर्देश पर हालांकि कार्रवाई हो रही है, लेकिन फिर भी शराब के ठेके वाले ओवर रेटिंग से बाज नहीं आ रहे हैं।