/ Dec 29, 2025
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TRAI DRIVE TEST REPORT: ट्राई ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की गुणवत्ता और प्रदर्शन की हकीकत जानने के लिए एक विस्तृत स्वतंत्र ड्राइव टेस्ट (आईडीटी) आयोजित किया। ट्राई के दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय की निगरानी में नवंबर 2025 में हुए इस टेस्ट के नतीजे अब जारी कर दिए गए हैं। इस परीक्षण का उद्देश्य वास्तविक परिस्थितियों में, जैसे कि भीड़भाड़ वाले शहरी इलाकों, शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक परिवहन हब में मोबाइल नेटवर्क की स्थिति का आकलन करना था। परीक्षण के दौरान वॉयस कॉल और इंटरनेट डेटा दोनों की गुणवत्ता को विभिन्न मापदंडों पर परखा गया।

ट्राई की टीमों ने 11 से 13 नवंबर 2025 के बीच बद्दी और आसपास के इलाकों में गहन सर्वेक्षण किया। इस दौरान टीम ने शहर के भीतर 180 किलोमीटर का लंबा सफर तय करते हुए ‘ड्राइव टेस्ट’ किया। इसके अलावा, 6 प्रमुख हॉटस्पॉट स्थानों पर नेटवर्क की जांच की गई और भीड़भाड़ वाले इलाकों में 2.3 किलोमीटर पैदल चलकर ‘वॉक टेस्ट’ भी किया गया। इतना ही नहीं, एक लोकेशन पर अलग-अलग कंपनियों के बीच कॉल कनेक्ट होने की गुणवत्ता (इंटर ऑपरेटर कॉलिंग) का भी परीक्षण किया गया। इस पूरे अभियान में 2जी, 3जी, 4जी और 5जी तकनीक का मूल्यांकन किया गया।

टेस्ट के नतीजे बताते हैं कि कॉल कनेक्ट होने के मामले में रिलायंस जियो (RJIL) सबसे आगे रहा। ऑटो-सिलेक्शन मोड में जियो के नेटवर्क पर कॉल लगने की दर (CSSR) शानदार 99.73% रही। वहीं, सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल (BSNL) 98.64% के साथ दूसरे स्थान पर, एयरटेल (Airtel) 98.11% के साथ तीसरे और वोडाफोन-आइडिया (Vi) 96.82% के साथ चौथे स्थान पर रही। इसका मतलब है कि जियो के नेटवर्क पर कॉल कनेक्ट होने की संभावना सबसे ज्यादा पाई गई।

बातचीत के दौरान कॉल कटने या ड्रॉप होने (DCR) के मामले में वोडाफोन-आइडिया (Vi) का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा, जहां कॉल ड्रॉप रेट मात्र 0.27% दर्ज किया गया। रिलायंस जियो का कॉल ड्रॉप रेट भी काफी कम 0.55% रहा। एयरटेल के नेटवर्क पर 2.20% कॉल ड्रॉप हुए। लेकिन बीएसएनएल ने अपने उपभोक्ताओं को निराश किया, जहां कॉल ड्रॉप रेट सबसे अधिक 6.34% पाया गया। इसका सीधा मतलब है कि बीएसएनएल नेटवर्क पर बात करते समय कॉल कटने की समस्या सबसे ज्यादा देखी गई।

ट्राई ने बद्दी के कई महत्वपूर्ण और घनी आबादी वाले इलाकों को इस टेस्ट में शामिल किया। इनमें पंजहेड़ा, शोभन माजरा, भंगलान, भाटियान, नालागढ़, रेरू झिरी वाला, खेड़ा निहला, थेडा, किशनपुरा, मल्कु माजरा, बद्दी सीतलपुर, गूलरवाला, बरोटीवाला और हरिपुरम जैसे क्षेत्र शामिल थे। इसके अलावा बद्दी बस स्टैंड, बद्दी यूनिवर्सिटी, सिटी अस्पताल, दुर्गा काली धाम मंदिर, मौरिस स्क्वायर मॉल और श्री अरविंदो पब्लिक स्कूल जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर भी नेटवर्क की अग्निपरीक्षा ली गई।

13 नवंबर को बद्दी शहर के सिटी स्क्वायर मॉल और गोल मार्केट जैसे व्यस्त इलाकों में विशेष रूप से ‘वॉक टेस्ट’ आयोजित किया गया। इसका मकसद यह जानना था कि जब लोग पैदल चलते हुए मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं या भीड़भाड़ वाली जगहों पर होते हैं, तो नेटवर्क कैसा व्यवहार करता है। इस दौरान वॉयस कॉल की गुणवत्ता, कॉल लगने में लगने वाला समय और आवाज की स्पष्टता जैसे मानकों की जांच की गई। सिर्फ कॉलिंग ही नहीं, बल्कि इंटरनेट सेवाओं की गुणवत्ता को भी इस टेस्ट में परखा गया।
ट्राई ने डाउनलोड और अपलोड स्पीड (थ्रूपुट), लेटेंसी (नेटवर्क की प्रतिक्रिया में देरी), जिटर और वीडियो स्ट्रीमिंग में होने वाली देरी जैसे तकनीकी पहलुओं की भी जांच की। इन सभी परीक्षणों के विस्तृत नतीजे संबंधित टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) को भेज दिए गए हैं, ताकि वे अपनी सेवाओं में सुधार कर सकें। ट्राई ने पारदर्शिता बरतते हुए इस पूरे ड्राइव टेस्ट की विस्तृत रिपोर्ट अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.trai.gov.in पर सार्वजनिक कर दी है। कोई भी व्यक्ति वहां जाकर अपने क्षेत्र के नेटवर्क की स्थिति देख सकता है।

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