तिरंगा फहराने के लिए लगाया जा रहा था पोल, 11 हजार वोल्ट का करंट लगते ही एक कर्मी की हुई मौत

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एक तरफ जहां पूरा देश स्वतंत्रता दिवस की 75वी वर्षगांठ मना रहा है। वही दूसरी तरफ झारखंड के बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्र के आकाश किनारी कोलियरी परिसर से चौकानें वाली एक घटना सामने आ रही है, जहां सुबह स्वतंत्रता दिवस के दिन सोमवार को झंडे को फहराने के लिए पोल लगाया जा रहा रहा था। उसी दौरान चार कर्मी 11 हजार वोल्ट के करंट की चपेट में आ गए . जिसमें से 3 कर्मी जख्मी हो गए, जबकि 1 कर्मी 38 वर्षीय दिलशाद अहमद की मौत की चपेट में आ गए। दिलशाद अहमद छड़िदारडीह निवासी ऑटो इलेक्ट्रीशियन हेल्पर थे। यह घटना आज सुबह 8 बजकर 40 मिनट की है।

शहीद का दर्जा देने की उठी मांग

घायलों के नाम कृष्णा पासवान, भुपेंद्र कुमार सिंह, किरण पांडेय, विकास कुमार केसरी बताए जा रहे हैं। घायलों को निचितपुर क्लीनिक में भर्ती कराया गया है। जहां से उन्हें केंद्रीय अस्पताल धनबाद ले जाया गया।बता दें लोगों ने दिलशाद के शव के साथ आकाशकिनारी कोलियरी मार्ग को जाम कर दिया और मुआवजे की मांग की है। सूचना पाकर तीन घंटे के बाद जीएम जीसी सारा, पीओ यूपी सिंह पहुँचे। प्रोविजनल नियोजन, एक्सीडेंट बेनिफिट दिया गया और इसी के साथ अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार रुपये दिए गए। चूंकि तिरंगे को पोल पर लगाते समय करंट लगकर दिलशाद की मृत्यु हो गई, जिसके चलते लोगों ने उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग की है।

प्रबंधन पर लापरवाही का लगा आरोप

यूनियन व कर्मियों के द्वारा आरोप लगाया गया है कि प्रबंधन की लापरवाही के चलते यह घटना हुई है। उन्होंने इस पर अपना रोष व्यक्त किया है। बता दें कि दिलशाद के परिवार में दो बेटियां, एक बेटा है और उनकी पत्नी है। पत्नी का नाम जसीमा खातून हैं। 2011 में मृतक दिलशाद को पिता दिलदार अहमद के बदले नियोजन दिया गया था। इस घटना के बारे में जैसे ही पता चला वैसे ही तुरन्त मौके पर क्षेत्र के विधायक ढुलू महतो, अशोक लाल, लक्षमण महतो, रंधीर ठाकुर पहुँचे।