/ Nov 07, 2025

News Elementor

RECENT NEWS

सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश, स्कूलों-अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों से हटाए जाए आवारा कुत्ते, नसबंदी कर रखे जाएं शेल्टर में

SUPREME COURT ON STRAY DOGS: देशभर में आवारा कुत्तों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने कहा है कि सभी शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और अन्य सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को आठ सप्ताह के भीतर पूरी तरह हटाया जाए। इन कुत्तों की नसबंदी (स्टेरलाइजेशन) और टीकाकरण कर उन्हें नामित शेल्टर होम में रखा जाए, तथा किसी भी परिस्थिति में इन्हें उसी स्थान पर वापस न छोड़ा जाए।

SUPREME COURT ON STRAY DOGS
SUPREME COURT ON STRAY DOGS

SUPREME COURT ON STRAY DOGS: न्यायालय ने माना- “सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि”

सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजारिया शामिल थे, ने स्वत: संज्ञान (Suo Motu) मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया। अदालत ने कहा कि स्कूल, अस्पताल, खेल परिसर, बस डिपो और रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर कुत्तों की मौजूदगी जन सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। स्थानीय निकायों और पंचायतों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे इन इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाएं और उनकी देखभाल की व्यवस्था करें। साथ ही, हर ऐसे संस्थान में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया गया है, जो इन आदेशों के अनुपालन की निगरानी करेगा।

SUPREME COURT ON STRAY DOGS
SUPREME COURT ON STRAY DOGS

आठ सप्ताह में करें फेंसिंग, दो सप्ताह में पहचान

निर्देशों के अनुसार, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश दो सप्ताह के भीतर ऐसे संवेदनशील स्थानों की पहचान करें जहां आवारा कुत्तों का प्रवेश होता है। इसके बाद आठ सप्ताह के अंदर बाउंड्री वॉल या फेंसिंग लगाकर उनके प्रवेश को पूरी तरह रोका जाए। अदालत ने कहा कि फेंसिंग मजबूत और सुरक्षित होनी चाहिए, ताकि कोई भी पशु अंदर न आ सके। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन को तीन महीने तक नियमित निरीक्षण करने और अदालत को प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

SUPREME COURT ON STRAY DOGS
SUPREME COURT ON STRAY DOGS

कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण अनिवार्य

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के बाद तुरंत वैक्सीनेट और स्टेरलाइज किया जाए। अदालत ने चेताया कि यदि कुत्तों को फिर से उसी जगह छोड़ा गया, तो पूरा अभियान बेअसर हो जाएगा। इसलिए उन्हें स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखा जाए। यह आदेश जुलाई 2025 में शुरू हुए सुओ मोटो मामले का हिस्सा है, जिसमें कुत्तों के काटने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि का उल्लेख किया गया था। अदालत ने अमीकस क्यूरी की रिपोर्ट के आधार पर सभी राज्यों से विस्तृत हलफनामा मांगते हुए कहा है कि वे सुधारात्मक कदमों का विवरण दें।

SUPREME COURT ON STRAY DOGS
SUPREME COURT ON STRAY DOGS


हाईवे और सड़कों से मवेशी भी हटाने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और अन्य एजेंसियों को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों से आवारा पशुओं, खासकर मवेशियों को हटाया जाए और इन्हें भी शेल्टर में रखा जाए। राज्यों के मुख्य सचिवों को संयुक्त रूप से अभियान चलाने का आदेश दिया गया है। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि आदेशों का पालन नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारी पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी। आठ सप्ताह के भीतर अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करनी होगी। अदालत ने सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों द्वारा आवारा कुत्तों को खिलाने की प्रथा पर भी सख्त नाराज़गी जताई।

ये भी पढ़िए-

VANDE MATARAM 150 YEARS
VANDE MATARAM 150 YEARS

वंदे मातरम के 150 वर्ष हुए पूरे, पीएम ने किया स्मरणोत्सव का शुभारंभ, जानिए राष्ट्रगीत का इतिहास और महत्व

देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज

RECENT POSTS

CATEGORIES

Sports

Entertainment

Share Market

All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.