/ Aug 13, 2025

News Elementor

RECENT NEWS

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आवारा कुत्तों पर देशव्यापी बहस तेज, लोगों की आ रही मिली-जुली प्रतिक्रिया

STRAY DOGS IN INDIA: भारत में आवारा कुत्तों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट का हालिया आदेश देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। 11 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को आठ सप्ताह के भीतर शेल्टर होम में स्थानांतरित करने का सख्त निर्देश जारी किया। यह आदेश दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद के नगर निकायों को तत्काल कार्रवाई करने के लिए बाध्य करता है। फैसले के बाद पशु अधिकार कार्यकर्ताओं, आम लोगों और प्रशासन के बीच देशभर में तीखी बहस शुरू हो गई है।

STRAY DOGS IN INDIA
STRAY DOGS IN INDIA

STRAY DOGS IN INDIA: कहाँ से शुरू हुई बहस?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखा जाए और उन्हें सड़कों पर वापस न छोड़ा जाए। कोर्ट ने चेतावनी दी कि इस प्रक्रिया में बाधा डालने वालों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। आदेश का आधार कुत्तों के काटने के बढ़ते मामले और रेबीज से होने वाली मौतें हैं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को एक सप्ताह के भीतर कुत्तों के काटने की शिकायतों के लिए हेल्पलाइन शुरू करने, 5,000 कुत्तों की क्षमता वाले शेल्टर होम बनाने और रेबीज वैक्सीन व इलाज की जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश भी दिया।

STRAY DOGS IN INDIA
STRAY DOGS IN INDIA

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने भी इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व दिशानिर्देशों का पालन करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और एनिमल बर्थ कंट्रोल नियम, 2001 के तहत पहले से ही आवारा कुत्तों की देखभाल और नियंत्रण के लिए नियम तय हैं। स्थानीय निकायों को नियमित नसबंदी और टीकाकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही एक महीने में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को भी कहा गया है।

STRAY DOGS IN INDIA
STRAY DOGS IN INDIA

डरावने हैं आंकड़े

ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते हैं, जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गंभीर समस्या बन चुके हैं। केंद्रीय पशुपालन, स्वास्थ्य और शहरी विकास मंत्रालय ने संयुक्त रूप से राज्यों को एडवाइजरी जारी कर टीकाकरण और नसबंदी कार्यक्रमों को तेज करने, शेल्टर होम स्थापित करने, पशु कल्याण संगठनों के साथ मिलकर काम करने और जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसमें रेबीज के टीकों की मुफ्त उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का समाधान केवल नसबंदी और टीकाकरण से ही संभव है।

STRAY DOGS IN INDIA
STRAY DOGS IN INDIA

WHO के मुताबिक, वैश्विक रेबीज मौतों का 36% हिस्सा भारत में होता है। 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 18,000 से 20,000 लोग रेबीज से मरते हैं, जिनमें 99% मामले कुत्तों के काटने से जुड़े होते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 2024 के आंकड़ों में बताया गया कि हर साल करीब 1.5 करोड़ लोग कुत्तों के काटने का शिकार बनते हैं, जिनमें अधिकांश घटनाएं आवारा कुत्तों से होती हैं। राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राज्यों को वैक्सीन और एंटी-रेबीज सीरम की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। 2024 में देशभर में कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले दर्ज हुए, जिनमें 5.19 लाख पीड़ित 15 साल से कम उम्र के बच्चे थे।

STRAY DOGS IN INDIA
STRAY DOGS IN INDIA

आदेश का विरोध भी तेज

हालांकि, इस आदेश का विरोध भी तेज हो गया है। 12 अगस्त 2025 को दिल्ली के इंडिया गेट पर पशु प्रेमियों ने मोमबत्ती मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया, लेकिन पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। सोशल मीडिया के मधायम से कुछ लोगों ने इसे गुस्से में लिया गया अजीब और अव्यावहारिक निर्णय बताया, जिसमें संसाधनों की भारी कमी और व्यावहारिकता पर सवाल उठाए गए। कुछ संरक्षण विशेषज्ञों ने सवाल उठाया कि हजारों कुत्तों के लिए आश्रय स्थल कहां से आएंगे। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में पुराने आदेश का हवाला देते हुए सभी जीवों के प्रति करुणा बरतने और कुत्तों की अंधाधुंध हत्या पर रोक लगाने की मांग की गई।

STRAY DOGS IN INDIA
STRAY DOGS IN INDIA

कई लोग समर्थन में

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया के मधायम से  कुछ लोगो के अनुसार यह जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कुत्तों के काटने की घटनाओं को कम करने में मदद करेगा। एक पोस्ट में कहा गया कि जो लोग सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से नाराज हैं, वे कुछ कुत्तों को अपने घर लाकर उनका टीकाकरण, प्रशिक्षण और इलाज करवाएं। दूसरी पोस्ट में यह राय दी गई कि किसी को भी अपने छोटे बच्चे की जान जोखिम में नहीं डालनी चाहिए सिर्फ इसलिए कि कोई आवारा कुत्तों के प्रति दयालु है। एक टिप्पणी में यह भी कहा गया कि यह फैसला पूरे देश में लागू होना चाहिए।

STRAY DOGS IN INDIA
STRAY DOGS IN INDIA

सोशल मीडिया के मधायम से एक टिप्पणी में यह भी कहा गया कि यह फैसला पूरे देश में लागू होना चाहिए और उन लोगों के खिलाफ कानून बनना चाहिए जो सड़कों पर कुत्तों को खिलाकर समझते हैं कि वे अच्छा काम कर रहे हैं, जबकि इससे पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। एक अन्य प्रतिक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को जनता को आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने वाला कदम बताया गया। कुछ का कहना है कि उन लोगों के खिलाफ कानून बनना चाहिए जो सड़कों पर कुत्तों को खिलाकर समझते हैं कि वे अच्छा काम कर रहे हैं, जबकि इससे पैदल चलना मुश्किल हो जाता है(STRAY DOGS IN INDIA)

ये भी पढ़िए-

CHAMOLI HEAVY RAIN ALERT
CHAMOLI HEAVY RAIN ALERT

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: चमोली में 14 अगस्त तक स्कूल-कॉलेज बंद, बदरीनाथ-हेमकुंड यात्रा पर भी रोक

देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज

RECENT POSTS

CATEGORIES

Sports

Entertainment

Share Market

All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.