/ Oct 17, 2024
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SHEIKH HASINA ARREST WARRANT: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और उन्हें 18 नवंबर तक अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। शेख हसीना पर मानवाधिकार हनन से जुड़े कई मामलों की जांच चल रही है, जिनमें छात्र आंदोलन के दौरान छात्रों की हत्या का आरोप भी शामिल है। इस वारंट में शेख हसीना के साथ-साथ 45 अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है, जिनमें आवामी लीग के कई प्रमुख नेता शामिल हैं।
इससे पहले भी बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कई बार उठ चुकी है, जिससे भारत के सामने कूटनीतिक संकट पैदा हो सकता है। 2013 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के तहत अगर बांग्लादेश की सरकार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करती है, तो भारत को यह तय करना होगा कि क्या वह इस अनुरोध को स्वीकार करेगा। इस संधि के तहत दोनों देशों के बीच आतंकवाद, उग्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अपराधियों का प्रत्यर्पण किया जा सकता है, बशर्ते वह अपराध दोनों देशों में दंडनीय हो।
शेख हसीना पर नरसंहार और हत्या जैसे गंभीर आरोप हैं, और 2016 के संशोधन के बाद प्रत्यर्पण के लिए ठोस सुबूतों की आवश्यकता नहीं रही है। यदि किसी देश की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया हो, तो प्रत्यर्पण करना अनिवार्य हो जाता है। हालांकि, संधि के अनुच्छेद 6 के तहत अगर अपराध राजनीति या सैन्य अपराध से संबंधित है, तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है।
इस साल जुलाई में बांग्लादेश में आरक्षण नीति के खिलाफ छात्रों का एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू हुआ। आंदोलन की शुरुआत छात्रों द्वारा शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विरोध से हुई। उनका आरोप था कि आरक्षण नीति के चलते योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय हो रहा है और उन्हें उनके हक से वंचित किया जा रहा है। आंदोलन जल्दी ही उग्र हो गया और देश के विभिन्न हिस्सों में छात्रों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए।
इसके परिणामस्वरूप पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई हिंसक झड़पें हुईं। इन झड़पों में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई। आंदोलन की तीव्रता ने सरकार को दबाव में ला दिया और बांग्लादेश की राजधानी ढाका में छात्रों का एक बड़ा हुजूम पहुंचने लगा। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सुरक्षा कारणों के चलते बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को पांच अगस्त को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस्तीफे के बाद, शेख हसीना सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से भारत चली आईं और तब से उन्होंने भारत में शरण ली हुई है।
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