16 फरवरी को होने वाली रविदास जयंती को बताया जा रहा बड़ा कारण, सभी पार्टियों ने इसके लिए चुनाव आयोग से की थी गुजारिश
नई दिल्ली, ब्यूरो। पंजाब में 14 जनवरी को होने वाला चुनाव फिलहाल केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्थगित कर दिया है। पहले मतदान 14 फरवरी को होना था लेकिन अब मतदान 20 फरवरी को होगा। इसके पीछे 16 फरवरी को होने वाली रविदास जयंती को बड़ा कारण बताया जा रहा है। कांग्रेस के साथ ही भाजपा ने भी पंजाब में 14 फरवरी को मतदान टालने का आवेदन किया था।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा, “आयोग को राज्य सरकार, राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों से कई आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें श्री गुरु रविदास जी जयंती समारोह में भाग लेने के लिए पंजाब से वाराणसी में बड़ी संख्या में भक्तों की आवाजाही के संबंध में ध्यान आकर्षित किया गया है, जो 16 फरवरी 2022 को मनाया जाता है। पार्टियों ने ये भी बताया है कि उत्सव के दिन से लगभग एक सप्ताह पहले बड़ी संख्या में भक्त वाराणसी के लिए जाना शुरू कर देते हैं और मतदान का दिन 14 फरवरी 2022 को रखने से बड़ी संख्या में मतदाता मतदान से वंचित रह जाएंगे। इसे देखते हुए उन्होंने 16 फरवरी 2022 के कुछ दिनों बाद मतदान की तारीख को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था। आयोग ने इस संबंध में राज्य सरकार और मुख्य चुनाव अधिकारी, पंजाब से भी इनपुट लिया है। इन आवेदनों, राज्य सरकार और मुख्य चुनाव अधिकारी के इनपुट पर विचार करने के बाद, अब आयोग ने पंजाब की विधान सभा के आम चुनावों को निम्नलिखित तरीके से पुनर्निर्धारित करने का निर्णय लिया है।”
YOU MAY ALSO LIKE
आपको बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने पंजाब विधानसभा चुनाव स्थगित करने का फैसला किया है। पहले ये मतदान 14 फरवरी को होना था लेकिन अब 20 फरवरी को होगा। इससे पहले लगभग सभी पार्टियों ने चुनाव आयोग से पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को होने वाले मतदान को कुछ दिनों के लिए स्थगित करने को कहा था। पार्टियों कहना था कि राज्य के दलित समुदाय के बहुत से लोग संत रविदास की जयंती पर वाराणसी जाएंगे। रविदास जयंती 16 फरवरी को है। कांग्रेस के अलावा भाजपा ने भी चुनाव आयोग से मतदान टालने का आग्रह किया था जिस पर आयोग ने सोमवार को फैसला लिया। अब पंजाब विधानसभा के चुनाव 20 फरवरी को एक ही चरण में होंगे।
बीजेपी ने सीईसी को लिखे खत में कहा था, “पंजाब में गुरु रविदास जी को मानने वाले दलित समाज के बहुत से लोग रहते हैं। राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी 32 प्रतिशत है। वाराणसी में गुरु पर्व को मनाने के लिए लाखों की तादाद में समाज के लोग जाएंगे। ऐसे में उनके लिए वोटिंग प्रक्रिया का हिस्सा बन पाना संभव नहीं होगा। ऐसे में मतदान को स्थगित किया जाना चाहिए, जिससे समुदाय के लोग वोट देने से वंचित न रह जाएं।”
आपको यह भी बता दें कि इससे पहले कांग्रेस, भाजपा, बसपा ने चुनाव आयोग से मतदान टालने का आग्रह किया था जिस पर आयोग ने सोमवार को फैसला लिया। अब पंजाब विधानसभा के चुनाव 20 फरवरी को एक ही चरण में होंगे। चुनाव आयोग ने सोमवार को अहम मीटिंग में ये फैसला लिया। सभी पार्टियों ने चुनाव आयोग को अलग-अलग पत्र लिखा था। बहुजन समाज पार्टी ने भी यह मांग उठाई है।