देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड विधानसभा के गठन करीब-करीब हो चुका है। आज पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस दौरान मुख्यमंत्री के भाषण के बाद विपक्ष के वरिष्ठ नेता के तौर पर प्रीतम सिंह ने भी अपने व्यक्तव्य सामने रखे। पांचवीं विधानसभा के अध्यक्ष के शपथ ग्रहण के मौके पर प्रीतम सिंह ने प्रोटेम स्पीकर के तौर पर कुर्सी संभाले पूर्व मंत्री वंशीधर भगत को मंत्री बनाने की पैरवी भी कर डाली। उन्होंने कहा कि वंशीधर भगत वरिष्ठ होने के साथ ही उनके सदन मंत्री के रूप में होने पर हंसी-मजाक भी चलती रहेगी। हो सकता है यह प्रीतम के अपने विचार हों, लेकिन उन्होंने भाजपा की आपसी घमासान की दुखती रग पर भी इस बहाने हाथ रख दिया है। उन्होंने कहा कि तीन मंत्री पद अभी सरकार के खाली हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से एक मंत्री पद वंशीधर भगत को सौंप देना चाहिए।
हालांकि यह भाजपा का अंदरूनी मामला है कि वह मंत्री मंत्रडल का विस्तार करती है या फिर नहीं। फिर भी भाजपा के नेता अभी भी कयास लगा रहे हैं कि तीन मंत्री पदों को शायद जल्द भर दिया जाए। इनमें पूर्व में शिक्षा मंत्री रहे अरविंद पांडे भी मिथक तोड़कर विधानसभा चुनाव में जीते हैं। शिक्षा जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय का उत्तराखंड में आज तक जो भी मंत्री रहा वह कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाया, लेकिन भाजपा ने उन्हें भी तरजीह नहीं दी। वह भी कयास लगाए बैठे हैं कि शायद उनका भी नंबर आ जाए।
दूसरी ओर आज विधानसभा अध्यक्ष के सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री व सितारगंज विधायक सौरभ बहुगुणा ने कांग्रेस के नेता प्रीतम सिंह को फिर से नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की पैरवी की। पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा दूसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं। उनके पिता और वह खुद पहले कांग्रेस का ही हिस्सा रहे, लेकिन अब भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें प्रीतम के प्रति सहानुभूति है। कहीं न कहीं दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक-दूसरे दल के नेताओं की आज विधानसभा अध्यक्ष के शपथ ग्रहण के दौरान अपने भाषणों से पैरवी की।