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अपनी ही माता को क्यों मारा भगवान परशुराम ने?

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Parshuram killed his Mother

Parshuram killed his Mother: भगवान परशुराम द्वारा अपनी ही माता को मारने के पीछे का कारण जान, हैरान हो जाएगें आप

Parshuram killed his Mother: क्या आपको ज्ञात है कि नारायण के छठे अवतार परशुराम ने खुद की ही माता का सिर उनके धड़ से अलग कर दिया था। मगर भगवान परशुराम ने ऐसा क्यों किया, क्या क्रोधित स्वभाव के परशुराम को अपनी माता पर गुस्सा आया था और अगर आया था तो वो क्या बात थी जिससे भगवान परशुराम को अपनी माता पर इतना गुस्सा आया कि उन्होंने अपनी ही माता का सिर उनके धड़ से अलग कर दिया या फिर अपनी माता का वध (Parshuram killed his Mother) करने के पीछे कोई और वजह थी। तो चलिए आपको इस बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के सबसे छोटे पुत्र थे परशुराम

दरअसल भगवान परशुराम महान ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के चौथे पुत्र थे। एक दिन माता रेणुका आश्रम के पास में ही एक नदी में नहाने गईं। जिस वक्त माता रेणुका नदी में नहाने गईं उस वक्त राजा चित्ररथ भी वहां कुछ अपसराओं के साथ स्नान कर रहे थे। ये दृश्य देखने के बाद माता रेणुका राजा चित्ररथ की ओर आकर्षित हो उठीं और एक टक राजा चित्ररथ को देखने लगीं।

ऋषि जमदग्नि को पूरी घटना का ज्ञात कैसे हुआ?

राजा चित्ररथ को देखते देखते माता रेणुका को समय का पता ही नही चला जिसके बाद माता रेणुका को वापिस आश्रम लौटने में देरी हो गई। जब रेणुका आश्रम वापिस लौटी तो ऋषि जमदग्नि ने रेणुका के बदले हुए हावभाव देखे जिसके बाद महान तपस्वी ऋषि जमदग्नि को सम्पूर्ण घटना का ज्ञात हो गया।

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ऋषि जमदग्नि ने अपने 3 पुत्रों को क्यों दिया श्राप?

इसके साथ ही ऋषि जमदग्नि ने रेणुका का मन भी पढ़ लिया, जिसके बाद क्रोध में आगबबूला ऋषि जमदग्नि ने अपने सभी पुत्रों को एक एक कर अपनी माता रेणुका को जान से मारने (Parshuram killed his Mother) का आदेश दिया। माता के मोह में पड़े 3 पुत्रों ने अपनी माता का सिर धड़ से अलग करने से मना कर दिया। 3 पुत्रों द्वारा अपनी आज्ञा का पालन न होते देख ऋषि जमदग्नि अत्यंत क्रोधित हो गए। जिसके बाद उन्होंने अपने 3 पुत्रों को श्राप दे दिया कि उन्हें अबतक जो भी ज्ञान था वो सब भूल जाएं और साथ ही वह तीनों अपनी बुद्धी भी खो दें।

परशुराम ने अपनी ही माता का सिर किया धड़ से अलग

अपने तीनों बेटों को श्राप देने के बाद ऋषि जमदग्नि ने अपने चौथे पुत्र परशुराम को अपनी माता (Parshuram killed his Mother) का सिर धड़ से अलग करने का आदेश (Parshuram killed his Mother) दिया। पिता का आदेश मिलते ही परशुराम ने बिना एक क्षण गवाएं अपनी माता रेणुका (Parshuram killed his Mother) का सिर धड़ से अलग कर दिया। अपने पुत्र की अपने प्रति भक्ति भाव देख ऋषि जमदग्नि अत्यंत प्रसन्न हुए जिसके बाद वह अपने पुत्र से मन चाहा वरदान मांगने को कहते हैं।

परशुराम ने पिता से मांगे 3 वरदान

परशुराम काफी बुद्धीमान थे, उन्होंने झट से अपने पिता से 3 वरदान मांगे। सबसे पहले तो परशुराम ने अपनी माता रेणुका को पुनः जीवित करने वरदान मांगा। दूसरा वरदान उन्होंने मांगा कि इस घटना के बारे में माता को कुछ भी याद न रहे। तीसरे वरदान में परशुराम पिता से अपने भाइयों का ज्ञान और विवेक पुनः लौटाने का आग्रह करते हैं।

Source: Social Media

ऋषि जमदग्नि अपने सबसे छोटे पुत्र की समझदारी को देखकर अचंबित रह गए और साथ ही काफी प्रसन्न भी हुए, जिसके बाद ऋषि जमदग्नि ने अपने पुत्र परशुराम को तीनों वरदान दिए और माता रेणुका को पुनः जीवित कर दिया साथ ही अपने अन्य 3 पुत्रों का ज्ञान और विवेक भी उन्हें पुनः लौटा दिया।

आपको बता दें कि भगवान परशुराम ने भले ही अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए अपनी माता का सिर धड़ से अलग किया हो, लेकिन ऐसा करने के पश्चात उनके ऊपर मातृ हत्या (Parshuram killed his Mother) का पाप लग गया था जिससे मुक्ति पाने के लिए परशुराम ने भगवान शिव की घोर तपस्या की तब जाकर भगवान परशुराम को मातृ हत्या (Parshuram killed his Mother) के पाप से छुटकारा मिला।  

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