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Why Onion is Non Veg: क्या प्याज खाना है मांस खाने के बराबर?

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Why Onion is Non Veg

Why Onion is Non Veg: क्यों व्रत और पूजा में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल करना है वर्जित?

Why Onion is Non Veg: आपने कई बार अपने बड़ो को ये बोलते हुए सुना होगा कि व्रत वाले दिन प्याज, लहसुन नही खाते या फिर अगर आप भगवान को भोग लगा रहे हैं तो भी उस खाने में प्याज लहसुन का इस्तेमाल नही किया जाता। मगर क्या आपको इसके पीछे का असल कारण मालूम है, कि आखिरकार क्यों सनातन धर्म में प्याज और लहसुन (Why Onion is Non Veg) खाना वर्जित है।

दरअसल सनातन धर्म में प्याज और लहसुन को मांस (Why Onion is Non Veg) खाने के समान माना जाता है। यही वजह है कि व्रत में और मंदिर में प्याज और लहसुन (Why Onion is Non Veg) का इस्तेमाल नही किया जाता। व्रत या फिर मंदिर में हमेशा ही सातविक भोजन का इस्तेमाल किया जाता है। अब ये जान लेते हैं कि आखिरकार क्यों सनातन धर्म में ऐसा करना वर्जित है।

क्यों सनातन धर्म में प्याज खाना है मांस खाने के बराबर?

समुद्र मंथन
Source: Social Media

प्याज और लहसुन की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। दरअसल जब समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से अमृत निकला था तो उस समय राक्षस और देवताओं के बीच अमृत पीने को लेकर काफी बहस हुई जिसके बाद भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया और मोहिनी रूप में विष्णु जी सबसे पहले देवताओं को अमृत पान कराने लगे। अब राक्षसों में राहू और केतू को जैसे ही इस बात की भनक लगी तो वह दोनों भी चुपके से जाकर देवताओं के बीच बैठ गए।

मोहिनी स्वरूप विष्णु जी ने कारया राक्षसों को अमृत पान

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अब मोहिनी स्वरूप विष्णु जी एक एक कर सभी देवताओं को अमृत पान करा रहे थे, तभी बारी आई राहू और केतू की और उन्हें भी मोहिनी स्वरूप विष्णु जी ने अमृत पान करा दिया। अब जिस समय भगवान विष्णु ने राहू और केतू को अमृत पान कराया उस समय इस बात का ज्ञात सूर्य देव और चंद्र देव को हो चुका था, जिसके बाद उन्होंने इस बारे में भगवान विष्णु को बताया।

भगवान विष्णु ने राहू और केतू का सिर किया उनके धड़ से अलग

इस बात का ज्ञात होते ही भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहू और केतू के सिर उनके धड़ से अलग कर दिए। जिस समय भगवान विष्णु ने राहू और केतू के सिर उनके धड़ से अलग किए उस समय तक अमृत दोनों राक्षसों के गले से नीचे नही गया था।

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कैसे हुई प्याज और लहसुन की उत्पत्ति?

जैसे ही भगवान विष्णु ने राक्षसों के सिर काटे वैसे ही राहू और केतू का खून जमीन पर गिर गया और इसी खून से प्याज और लहसुन (Why Onion is Non Veg) की उत्पत्ति हुई। इसी कारण सनातन धर्म में प्याज और लहसुन खाना वर्जित है क्योंकि इसकी उत्पत्ति राक्षस के खून से हुई है।

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वहीं जब अमृत की कुछ बूंदे राक्षस ने ग्रहण की तो उसके शरीर में जाने से पहले ही भगवान विष्णु ने उन दोनों राक्षसों का सिर उनके धड़ से अलग कर दिया जिससे कि अमृत की बूंदे राक्षस के शरीर के अंदर न जाए, लेकिन वो अमृत की बूंदे राक्षसों के कंठ तक चली गईं थी जिसके बाद सिर कटने पर अमृत की बूंदे राक्षस के खून के साथ ही जमीन पर गिर गईं, जिसके कारण प्याज और लहसुन के अंदर कई ऐसे गुण आ गए जिससे लोगों को इसे खाने के बाद कई रोगों से मुक्ति मिलती है।

राक्षस के खून से प्याज और लहसुन (Why Onion is Non Veg) की उत्पत्ति हुई, इसी कराण सनातन धर्म में किसी भी व्रत या फिर भगवान के भोग को प्याज और लहसुन के साथ तैयार नही किया जाता है।

सनातन धर्म में भोजन के प्रकार

हिंदु धर्म में भोजन 3 प्रकार के होते हैं। पहला होता है सातविक भोजन, जिसमें घी, दूध, आटा, चावल, सब्जियां जैसे पदार्थ होते हैं। इसके बाद दूसरे भोजन का प्रकार होता है राजसिक भोजन, जिसमें तीखे, खट्टे, चटपटे, बहुत ज्यादा नमकीन जैसे पदार्थ शामिल हैं।

इसके बाद आखिरी खाने का प्रकार होता है तामसिक (Why Onion is Non Veg), जिसमें प्याज, लहसुन, मांस-मछली, मशरूम, अंडे शामिल होते हैं और तामसिक भोजन खाने से आपके मूह से दुर्गंध आती है। तो अब आप लोगों को ये समझ आ गया होगा कि आखिरकार क्यों व्रत या फिर पूजा में तामसिक पदार्थों का यानि की प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नही किया जाता।

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