/ Oct 03, 2024
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NAVRATRI: आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है, नवरात्रि पूरे भारत में बड़े उत्साह, आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस नौ दिवसीय पर्व को देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों को समर्पित किया जाता है, जिनमें हर दिन एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन यानि आज का दिन देवी शैलपुत्री को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी शैलपुत्री की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें शक्ति, साहस और समृद्धि प्राप्त होती है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार राजा दक्ष ने अपने महल में एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया था, जिसमें उन्होंने सभी देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया। जब माता सती को इस यज्ञ के बारे में पता चला, तो उन्होंने भगवान शिव से इस यज्ञ में सम्मिलित होने की इच्छा व्यक्त की। भगवान शिव के मना करने के बाद भी जब माता सती यज्ञ स्थल पर पहुंचीं, तो उन्होंने देखा कि राजा दक्ष ने भगवान शिव का अपमान किया और उनके प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। अपने पति का अपमान सहन न कर पाने के कारण माता सती ने यज्ञ की अग्नि में स्वयं को समर्पित कर दिया और अपने प्राण त्याग दिए।
इस घटना के बाद भगवान शिव अत्यधिक क्रोधित हो गए और तांडव नृत्य करने लगे, जिससे पूरी सृष्टि में हाहाकार मच गया। भगवान विष्णु ने शिव के क्रोध को शांत करने के लिए सती के शरीर के टुकड़े किए, जिससे सती के शरीर के हिस्से विभिन्न स्थानों पर गिर गए और उन स्थानों को शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाने लगा। इसके बाद माता सती ने शैलराज हिमालय के घर जन्म लिया और वे शैलपुत्री के नाम से विख्यात हुईं। नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है और भक्तजन उनकी कृपा से अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता प्राप्त करने की कामना करते हैं।
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