दुपहिया पर 4 साल तक का बच्चा बैठाया तो हार्नेस बेल्ट-हेलमेट होंगे जरूरी

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केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में किया संशोधन, नियम न मानने पर कटेगा 1000 का चालान

नई दिल्ली, ब्यूरो। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में संशोधन करते हुए दुपहिया वाहन चालकों के लिए एक और नियम जारी किया है। अब चार साल से कम के बच्चे को साथ ले जाने पर बच्चों के लिए हेलमेट और हार्नेस बेल्ट का इस्तेमाल करना जरूरी है।

इसके अलावा वाहन की स्पीड 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसका उल्लंघन करने पर 1000 रुपये का जुर्माना और तीन महीने के लिए डीएल निलंबित किया जा सकता है। हालांकि दुपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वाले दूसरे व्यक्ति के लिए भी हेलमेट अनिवार्य है, लेकिन कई इलाकों में दो लोग तो दूर वाहन चालक तक हेलमेट नहीं पहनते हैं। कुछ को छोड़ दें तो अधिकांश शहरों और ग्रामीण इलाकों का करीब-करीब यही हाल है। अब देखना होगा कि इस नियम को कितना पुलिस और परिवहन विभाग धरातल पर लागू करवा पाते हैं।

केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 (1988 क 59) की धारा 137 के खंड (कक) की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सेंट्रल मोटर एक्ट नियम, 1989 का और संशोधन करने के लिए नियम बनाए हैं। नए नियमों का संक्षिप्त नाम क्रेंद्रीय मोटर यान (दूसरा संशोधन) नियम, 2022 है। ये नए नियम 15 फरवरी 2023 से लागू किए जाएंगे।

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केंद्रीय मोटर यान नियम, 1989 के नियम 138 के उपनियम (6) के पश्चात निम्नलिखित उपनियम स्थापित किए जाएंगे। इसके अनुसार 9 महीने से 4 साल के बच्चे को सीट के पीछे ले जाते समय सेफ्टी हार्नेस और हेलमेट का उपयोग करना अनिवार्य होगा। अन्यथा 1000 रुपये का चालान और डीएल तीन माह के लिए निलंबित कर दिया जाएगा।