भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के थवनूर के विधायक और पूर्व मंत्री केटी जलील ने कश्मीर को लेकर फेसबुक पोस्ट किया इस पोस्ट के बाद विवाद खड़ा हो गया है। इस पोस्ट में उनके द्वारा कहा गया कि ‘पाकिस्तान से जुड़ा कश्मीर का हिस्सा आजाद कश्मीर के रूप में जाना जाता है।’ इसी के साथ उनके द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने की भी आलोचना की गयी है ।
“पाकिस्तान सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं है।“
उनके द्वारा कहा गया कि कश्मीर का कब्जे वाला जो क्षेत्र है वह असल में आजाद है। आपको बता दें कि जो केटी जलील है उन्हें केरल के मुख्यमंत्री सीएम पिनाराई विजयन के करीब माना जाता हैं। यह पोस्ट मलयालम भाषा में लिखा हुआ है, केरल के विधायक ने कहा, ‘‘कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से को ‘आजाद कश्मीर के रूप में जाना जाता है और यह ऐसा क्षेत्र है जहां पाकिस्तान सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं है।“
“कश्मीर ने अपना आकर्षण खो दिया है।“
उनके द्वारा कहा गया कि ‘‘भारत अधीन जम्मू कश्मीर में जम्मू, कश्मीर घाटी और लद्दाख के कुछ हिस्से शामिल हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “कश्मीर ने अपना आकर्षण खो दिया है। जिधर देखो, आपको केवल सेना दिखाई देती है। कश्मीर मुस्कुराना भूल गया है। सभी राजनेता नजरबंद हैं। दूसरी बात यह कि मोदी सरकार ने कश्मीर को तीन भागों में विभाजित कर दिया है।”
“बोलने की कोई शक्ति नहीं है।”
उन्होंने आगे अपने पोस्ट में लिखा कि , “पाकिस्तान से जुड़े कश्मीर के हिस्से को “आजाद कश्मीर” के रूप में जाना जाता था। यह क्षेत्र सीधे पाकिस्तानी सरकार से प्रभावित नहीं था। पाकिस्तान यहां केवल करेंसी और सैन्य सहायता को कंट्रोल करता था। आजाद कश्मीर की अपनी सेना थी। जियाउल हक के राष्ट्रपति शासन के दौरान पाकिस्तान की सेना आजाद कश्मीर की सामान्य सेना बन गई। संक्षेप में कहूं तो, बोलने की कोई शक्ति नहीं है।”
माकपा पार्टी ने भी केटी की फेसबुक पोस्ट का किया समर्थन
माकपा पार्टी ने भी उनकी फेसबुक पोस्ट का समर्थन किया है और पार्टी ने कहा “पाकिस्तान के साथ कश्मीर का हिस्सा आजाद कश्मीर के नाम से जाना जाता था। इस क्षेत्र में पाकिस्तान सरकार का सीधा प्रभाव नहीं था। केवल मुद्रा और सैन्य सहायता पाकिस्तान के नियंत्रण में थी। आजाद कश्मीर की अपनी सेना थी।” इसके अलावा पार्टी के द्वारा कहा गया कि ,”राष्ट्रपति जिया-उल-हक के समय में सभी सेना आम हो गई थी। पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में पाकिस्तान सरकार के पास कोई बड़ी प्रशासनिक शक्ति नहीं है।”