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जब ये डीएम अचानक पहुंच गए जल संस्थान दफ्तर, शिकायतकर्ताओं को लगाए फोन

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गंदे पानी की शिकायत पर उन्होंने टैंक से पानी का सैंपल लेकर लैब से टेस्ट करवाने के दिए निर्देश, वन विभाग कार्यालय में फायर कंट्रोल रूम का भी किया औचक निरीक्षण

पिथौरागढ़ (गौरव उपाध्याय): पेयजल की समस्या और शिकायतों को लेकर जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने शनिवार को कुमोड स्थित जल संस्थान दफ्तर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जल संस्थान के कन्ट्रोल रूम में दर्ज शिकायतों की जांच करते हुए शिकायतकर्ताओं को फोन लगाकर समस्या के निस्तारण की जानकारी भी ली।

गंदे पानी की शिकायत पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान का वाटर स्टोरेज टैंक एवं पम्प हाउस का निरीक्षण भी किया। उन्होंने निर्देश दिए कि टैंक से पानी का सैंपल लेकर लैब से टेस्टिंग कराई जाए। टैंक में जमी मिट्टी वह गंदगी को देखते हुए उन्होंने स्टोरेज टैंक की तत्काल सफाई कराने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि कन्ट्रोल रूम में मोबाइल फोन रखते हुए पेयजल संबंधी शिकायतों का समय पर निस्तारण करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी सुन्दर सिंह तोमर, जल संस्थान के अधिशासी अभियन्ता एवं अन्य कार्मिक उपस्थित थे।

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वहीं दूसरी जिलाधिकारी ने वन विभाग कार्यालय में फायर कंट्रोल रूम का भी औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एक्टिव फायर मामलों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि फारेस्ट फायर के लिए वन विभाग में बनाए गए कन्ट्रोल रूम को तत्काल आपदा प्रबंधन कार्यालय में शिफ्ट किया जाए। ताकि जीआईएस से फारेस्ट फायर की घटनाओं पर तेजी से एक्शन लिया जा सके। कहा कि कन्ट्रोल रूम में तैनात कार्मिकों को जीआईएस का प्रशिक्षण भी दिया जाए। डीएफओ ने विभाग में वाहनों की कमी से आ रही समस्या से जिलाधिकारी को अवगत कराया। जिस पर डीएम ने वन विभाग को तत्काल चार अतिरिक्त वाहन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए विभाग को हर संभव सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने वनाधिकारियों को गांव क्षेत्रों में वनाग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए महिला एवं युवक मंगल दलों का भी सहयोग लेने की बात कही।

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