Home उत्तर-प्रदेश आईआईटी कानपुर के इंजीनियर ने हिन्दुग्रंथ वेबसाइट को विकसित किया

आईआईटी कानपुर के इंजीनियर ने हिन्दुग्रंथ वेबसाइट को विकसित किया

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आईआईटी कानपुर के इंजीनियर बीएम शुक्ला के द्वारा एक हिन्दुग्रंथ वेबसाइट को विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से संस्कृत शब्दों के अर्थ क्या है, इसके बारे में हिन्दी के साथ ही अंग्रेजी व उर्दू में भी एक क्लिक से पता चल जाएगा। बीएम शुक्ला ने सीएसजेएमयू से पढ़ाई की थी, इसके बाद उन्होंने आईआईटी कानपुर से एमटेक किया और वह अब इंजीनियर पद पर है।

संस्कृत भाषा को अधिक महत्व दिया गया

बता दें कि इसमें संस्कृत भाषा को अधिक महत्व दिया गया है। इस वेबसाइट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें संस्कृत के अलावा हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी के किसी भी शब्द को इसमें डालने से अन्य तीन भाषाओं में उसके अर्थ का पता चल जाएगा। इसके अलावा वेबसाइट पर प्राचीन भारतीय ग्रंथों को भी श्लोक, उच्चारण व शाब्दिक अर्थ के साथ वेबसाइट पर प्रस्तुत किया गया है।

उपनिषद को ऑनलाइन किया गया

इंजीनियर बीएम शुक्ला के द्वारा बताया गया कि जितने भी सभी पुराने ग्रंथ हैं उनमें विज्ञान भरा पड़ा हुआ है। वैज्ञानिक व युवा पीढ़ी इन चीज़ों से दूर भाग रही है। क्योंकि यह संस्कृत भाषा में है। यह तकनीक संस्कृत को आसान बनाने का एक तरीका है। वेबसाइट को बनाने की शुरुआत 2009 में की गई थी। ज्यादातर ग्रंथों , सभी वेद और उपनिषद को ऑनलाइन किया जा चुका है।

शब्दों की संख्या को भी बढ़ाया जा रहा

बता दें कि, श्लोकों के साथ उनका रोमन में उच्चारण और हिन्दी में अर्थ भी आता है। वेबसाइट को लगातार अपडेट किया जा रहा है। संस्कृत में जो ग्रंथ लिखे गए है उन्हें अपलोड किया जा रहा है और साथ ही शब्दकोष में शब्दों की संख्या को भी बढ़ाया जा रहा है।

शाब्दिक अर्थ के साथ उच्चारण

संस्कृत के 34,000 शब्द है। हिन्दी के 43,000 शब्द है। अंग्रेजी के 32,000 शब्द है। उर्दू के 9,000 शब्द है। साधारण बोलचाल के 3,000 शब्द है। चारों वेद, वेदांत, दर्शन शास्त्र, आयुर्वेद, 220 उपनिषद, अष्टावक्र गीता, शंकराचार्य के तत्वबोध, आत्मबोध व पंचदशी, अष्टाध्यायी, रावणशास्त्र का शाब्दिक अर्थ के साथ उच्चारण किया गया है।

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