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साधु संत अपना ही संविधान कर रहे तैयार, इसमें मुस्लिमों और ईसाइयों को वोट देने का अधिकार नहीं होगा

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हिंदु राष्ट्र संविधान

संतों और विद्वानों का जो एक वर्ग है। वह एक वर्ग ‘हिंदू राष्ट्र के रूप में भारतीय संविधान’ को तैयार करने में लगा हुआ है। इसे आने वाले माघ मेले 2023 को आयोजित किया जाना है। साल फरवरी 2022 इसी को लेकर प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है। इसमें हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात कही गई है।

30 लोगों के समूह ने संविधान का मसौदा तैयार किया

वाराणसी स्थित शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि अब शाम्भवी पीठाधीश्वर के संरक्षण में 30 लोगों के समूह ने संविधान का जो मसौदा है, उसे तैयार कर लिया है।

संविधान 750 पेजों का है

उनके द्वारा कहा गया कि यह संविधान 750 पेजों का है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस मामलें में धार्मिक विद्वानों के साथ विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। 2023 में प्रयागराज में माघ मेला आयोजित किया जाएगा। जिसमें में संविधान के करीब 300 पेजों को जारी किया जाना है। इसी सिलसिले में ‘धर्म संसद’ को आयोजित किया जाना है।

देश की राजधानी होगी वाराणसी

उन्होंने आगे कहा कि हिंदू राष्ट्र के रूप में भारतीय संविधान’ के 32 पेज तैयार हो चुके हैं। जिनमें रक्षा, शिक्षा, कानून-व्यवस्था, मतदान जैसे गंभीर विषयों को जोड़ा गया है। इस हिंदू राष्ट्र संविधान में वाराणसी को देश की राजधानी बताया गया है।

पाकिस्तान का भारत के साथ होगा विलय

इसमें दिखाया गया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार देश जो कि भारत से अलग है, एक दिन इनका भारत से विलय हो जाएगा। कहा गया है कि जो अन्य धर्म है उन्हें मतदान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुस्लिमों और ईसाइयों को वोट देने का अधिकार नहीं होगा

मुस्लिम और ईसाई धर्म को वोट देने का अधिकार नहीं होगा। स्वरूप ने कहा उन्हें व्यवसाय करने, रोजगार पाने, शिक्षा पाने का अधिकार तो होगा लेकिन उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं होगा।

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