क्या उत्तराखण्ड में संयुक्त किसान मोर्चा है भाजपा के समर्थन में?

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देहरादून (संवाददाता- अरुण सैनी): संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भोपाल सिंह चौधरी जी ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया की संयुक्त किसान मोर्चा

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तीन कृषि कानूनों को निरस्त कराने में सफल हुई। देशभर के किसानों ने 1 साल तक आंदोलन किया था इस आंदोलन में उत्तराखंड के किसानों की अहम भूमिका रही है। राज्य के हर जिले से लोग लगातार दिल्ली के बॉर्डर पर जाकर आंदोलन में हिस्सेदारी की।

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संयुक्त किसान मोर्चा की स्थापना नवंबर 2020 में हुई थी, जिसमें देश भर के 40 से ज्यादा किसान संगठन शामिल थे। भोपाल सिंह चौधरी ने कहा की हम गुजारिश करना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने तीन काले कानूनों को वापस कर किसानों का सम्मान किया। जिस तरह से कोरोना काल में गरीब किसानों के घरों में राशन पहुंचाया, भूमिहीन किसानों और मजदूरों के खातों में पैसे भेजे ऐसा आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं किया। ऐसे में किसान आंदोलन के नाम पर दूसरे राज्यों में जो लोग राजनीतिक रोटियां सेकने का काम कर रहे हैं वह देवभूमि के किसानों के संस्कार नहीं है।

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