/ Jun 16, 2025
All rights reserved with Masterstroke Media Private Limited.
INDIA CENSUS 2027 का लंबे समय से चल रहा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। केंद्र सरकार ने आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी है कि अगली जनगणना वर्ष 2027 में कराई जाएगी। इसके लिए गृह मंत्रालय ने जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत एक राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी है। यह जनगणना कई मायनों में ऐतिहासिक होगी क्योंकि यह स्वतंत्र भारत की 8वीं और कुल 16वीं जनगणना होगी, जो पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से की जाएगी और इसमें पहली बार जातीय गणना भी शामिल की जाएगी।
अधिसूचना के अनुसार, जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (एचएलओ) के अंतर्गत प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में जनसंख्या गणना की जाएगी जिसमें प्रत्येक व्यक्ति के जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण एकत्र किए जाएंगे। देश के अधिकांश हिस्सों में जनगणना प्रक्रिया 1 मार्च 2027 से शुरू होगी, जबकि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे ठंडे और बर्फबारी वाले क्षेत्रों में यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी।
इन इलाकों के लिए मौसम की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए यह अलग तारीख तय की गई है। इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में लगभग 21 महीने का समय लगेगा। सरकार की योजना है कि मार्च 2027 तक प्राथमिक आंकड़े जारी कर दिए जाएंगे, जबकि विस्तृत डेटा वर्ष 2027 के अंत तक प्रकाशित किया जाएगा। यह जनगणना 16 साल के लंबे अंतराल के बाद हो रही है क्योंकि पिछली बार जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। वर्ष 2021 में प्रस्तावित जनगणना को कोरोना महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था।
16वीं जनगणना में पहली बार जाति आधारित आंकड़े भी जुटाए जाएंगे। गृह मंत्री के अनुसार, इस डिजिटल जनगणना में 34 लाख गणक और सुपरवाइजर, तथा 1.3 लाख जनगणना अधिकारी शामिल होंगे। ये सभी कर्मचारी अत्याधुनिक मोबाइल और डिजिटल उपकरणों के साथ जनगणना का कार्य करेंगे। इसके लिए विशेष मोबाइल एप तैयार किए जाएंगे जो 16 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे। एप के माध्यम से ही आंकड़े एकत्र किए जाएंगे और नागरिकों को सेल्फ-एन्यूमरेशन (स्व-गणना) की सुविधा भी मिलेगी। डाटा सुरक्षा को लेकर सरकार ने विशेष प्रावधान किए हैं।
जनगणना के दौरान डेटा संग्रहण, उसका संचरण और भंडारण सभी चरणों में कड़े साइबर सुरक्षा उपाय किए जाएंगे ताकि नागरिकों की गोपनीयता और जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जनगणना का आधार 1 मार्च 2027 की आधी रात तक देश की जनसंख्या और सामाजिक स्थिति का आंकड़ा होगा, जो रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। वहीं, बर्फीले क्षेत्रों के लिए 1 अक्टूबर 2026 की स्थिति को आधार माना जाएगा। यह पहली बार है जब जनगणना की तारीख को इस तरह मौसमीय परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों के लिए तय किया गया है।
देश में मॉनसून ने पकड़ी रफ्तार, इन राज्यों में आज भारी बारिश का अलर्ट
देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज
All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.