हरिद्वार में जल्द उतरेंगे बोईंग 777 विमान, इस इलाके में चयनित की गई जमीन 

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हरिद्वार में जल्द उतरेंगे बोईंग 777 विमान, इस इलाके में चयनित की गई जमीन

  • अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की कवायद जारी; पथरी, बहादराबाद, भगवानपुर में भूमि चिह्नित

हरिद्वार, ब्यूरो । उत्तराखंड के हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की कवायद एकबार फिर शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने फिलहाल इसके लिए हरिद्वार, बहादराबाद व भगवानपुर में तीन स्थानों पर भूमि चिह्नित की है। जिसपर डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी निर्णय लेकर शासन को अवगत कराएगी। हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हेतु भूमि चयन के लिए कैबिनेट पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने हरिद्वार के पूर्व जिलाधिकारी सी.रविशंकर को पत्र भेजा था। हालांकि इसके बाद जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव होने पर हरिद्वार के विकल्प पर कुछ मंत्रियों ने ही सवाल उठा दिए थे। जिसके बाद यह मामला ठंडा पड़ गया। अब पर्यटन मंत्री द्वारा पुनः जिला प्रशासन को रिमांइडर भेजे जाने पर उप जिलाधिकारी हरिद्वार व रुड़की ने सर्वे कर हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हेतु वांछित भूमियों का सर्वे कर गूगल मैप सहित उनकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सोंपी है। जिसमें हवाई अड्डे हेतु हरिद्वार तहसील में दो व भगवानपुर में एक स्थल सुझाया गया है।

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तहसील हरिद्वार के अन्तर्गत  हरिद्वार- दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित बहादराबाद टोल प्लाजा और पतंजलि योगपीठ के मध्य मुख्य राजमार्ग के दक्षिण दिशा से लगती हुयी भूमि जो कि ग्राम रोहालकी किशनपुर से लगती हुयी, ग्राम खिजरपुर कलंजरा, कलंजरा जदीद दीनारपुर, सहदेवपुर सहवाजपुर, वेद सिटि, ग्राम बावली कलंजरी एवं पतंजलि फेज -2 की सीमाओं से लगती हुयी भूमि है। इस भूमि का क्षेत्रफल लगभग 1200 हैक्टेयर है और यह भूमि अधिकांश निजी काश्त की भूमि है, जिसके बीच में कोई आबादी क्षेत्र भी नहीं है। इसके अलावा हरिद्वार में ही हरिद्वार- लक्सर राजमार्ग पर स्थित ग्राम मुस्तफाबाद से पश्चिम दिशा की ओर स्थित हरिद्वार वन प्रभाग के पथरी वन खण्ड की भूमि जिसकी सीमायें ग्राम मुस्तफाबाद, आदर्श टिहरी नगर, घोण्टी, एथल बुजुर्ग, टिहरी विस्थापित क्षेत्र से लगी  भूमि जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 1100 हैक्टेयर है। जिसमें से लगभग 800 हैक्टेयर भूमि वन क्षेत्र और 300 हैक्टेयर भूमि निजी काश्त की भूमि है। इसमें वन क्षेत्र व न ही कोई टाईगर रिजर्व है और न ही कोई एलीफैन्ट कॉरिडोर है। साथ ही यह वन क्षेत्र चारों ओर से खेती व आबादी क्षेत्र से घिरा हुआ है। इसके अतिरिक्त भगवानपुर में भी इस हेतु एक भूमि का सुझाव एसडीएम की ओर से जिला प्रशासन को दिया गया है। साथ ही इन जमीनों की टेलिस्कोपिक छवियां भी जिलाधिकारी को रिपोर्ट के साथ सोंपी गई हैं। जिससे बेहतर विकल्प का चयन किया जा सके।अब इसको लेकर गठित कमेटी हवाई अड्डे के लिए इन विकल्पों से भूमि का चयन कर रिपोर्ट शासन को भेजेगी। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए केंद्रीय उड्डयन प्राधिकरण के अनुसार आठ सौ से बारह सौ एकड़ भूमि की जरूरत होगी। जो इन स्थानों पर उपलब्ध है। सरकार की मंशा 2030 तक हरिद्वार को विश्व के प्रमुख शहरों से जोड़ने की है। हालांकि सुझाई गई भूमियों में से किसी भूमि के हवाई अड्डे हेतु उपयोग के लिए पहले शासन को केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति हासिल करनी होगी।

सरकार भविष्य की जरुरतों के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास चाहती है। पर्यटन मंत्री इसके लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से भेंट कर चुके हैं। सरकार का मानना है कि योग, पर्यटन व चारधाम में आने वाले समय में पर्यटकों, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग के विकास के बाद विदेशी पर्यटकों को चार धाम यात्रा कराना आसान होगा। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए पांच किमी लंबी व आधा किमी चौड़ी भू-पट्टी की आवश्यकता होगी, जिसपर सरकार की बोईंग 777, एयर जाब 380 व बड़े व्हाईट बॉडी प्लेन उतारने की योजना है।

अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हेतु भूमि के लिए पर्यटन मंत्री जी के निर्देश पर सभी एसडीएम को अपेक्षित भूमि के चिह्निकरण हेतु निर्देशित किया गया है। रुड़की व एसडीएम सदर की रिपोर्ट मिल गई है। सभी सर्वे रिपोर्ट आ जाने के बाद स्थिति से शासन को अवगत कराया जाएगा।

हरिद्वार में जल्द उतरेंगे बोईंग 777 विमान, इस इलाके में चयनित की गई जमीन 

-विनयशंकर पांडे, जिलाधिकारी हरिद्वार।