Electricity Crisis Uttarakhand: सर्दी में कम बर्फबारी के चलते बिजली का उत्पादन भी हुआ कम
Electricity Crisis Uttarakhand: इस साल प्रदेश में गर्मी की मार तेज पड़ने वाली है क्योंकि एक तरफ होगी चिलचिलाती गर्मी और दूसरी ओर होगी पावर कट की मार। दरअसल इस सर्दी कम बर्फबारी होने के चलते इसका सीधा असर जल विद्युत गृहों में देखने को मिल रहा है।
आमूमन मार्च शुरु होते ही नदियों का जल स्तर बढ़ने लगता है क्योंकि इस महीने गर्मी बढ़ने से ग्लेशियर पिघलने लगते हैं जिससे नदी में पानी बढ़ने लगता है लेकिन बर्फबारी कम होने के चलते नदियों का पानी सामान्य से भी कम है जिसके कारण जल विद्युत गृह अपनी क्षमता से काफी कम बिजली (Electricity Crisis Uttarakhand) उत्पादन कर रहा है।
अब अगर यही हालात रहे तो हो सकता है कि प्रदेश सरकार को बिजली (Electricity Crisis Uttarakhand) के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर होना पड़े या फिर बाजार से बिजली खरीदनी पड़े। इस संकट (Electricity Crisis Uttarakhand) के चलते राज्य द्वारा केंद्र सरकार से 400 मेगावाट और बिजली की मदद मांगी गई है।
दरअसल कुछ ही समय पहले केंद्र द्वारा ऊर्जा निगम को 300 मेगावाट बिजली आवंटित की गई थी और साथ ही निगम द्वारा डीप पोर्टल से भी 250 मेगावाट बिजली (Electricity Crisis Uttarakhand) खरीदी जा रही है। वहीं आने वाले दिनों में भयानक गर्मी को देखते हुए प्रदेश में 400 से 800 मेगावाट बिजली की कमी (Electricity Crisis Uttarakhand) पड़ सकती है।
अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर केंद्र द्वारा मार्च के लिए 300 मेगावाट बिजली आवंटन स्वीकृत तो कर दिया गया है, मगर विद्युत गृहों में कम बिजली उत्पादन के कारण प्रदेश में बिजली का संकट (Electricity Crisis Uttarakhand) बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण इस गर्मी उपभोक्ताओं को बिजली कटौती की मार झेलनी पड़ सकती है।
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